गोपालगंज. वीआइपी के जिला कोषाध्यक्ष व शहर के प्रमुख मिठाई कारोबारी सुरेंद्र प्रसाद की बेटी ज्योति के शव का पोस्टमार्टम करने से मेडिकल टीम ने देर रात इंकार कर दिया. शव पूरी तरह से सड़ चुका था. डॉक्टरों के पोस्टमार्टम करने से इंकार के बाद उसे फोरेंसिक परीक्षण के लिए मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में भेजा गया.
परिवार के साथ भूमिगत हुए आरोपित मुखिया
वहां सोमवार को फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने शव का परीक्षण किया. उसके बाद देर शाम को शव का अंतिम संस्कार कराया गया. उधर, ज्योति का शव रविवार को परिजनों के साथ एसडीआरएफ की टीम गंडक नदी में सात घंटे तक खंगालने के बाद सत्तरघाट से कुछ दूर से बरामद किया. शव की पहचान होने के बाद महम्मदपुर पुलिस एक्शन में आयी. पहले से पूछताछ के लिए हिरासत में रखे ज्योति के पति को सोमवार को गिरफ्तारी दिखाते हुए जेल भेज दिया. ज्योति की हत्या दहेज की मांग को लेकर किये जाने की लिखित तहरीर महम्मदपुर थाो में मिठाई कारोबारी सुरेंद्र प्रसाद की तरफ से आने के साथ ही मुखिया शंभु प्रसाद परिवार के साथ भूमिगत हो गया. अब पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने का दावा कर रही है.
फॉरेंसिक जांच को भी समझिए
प्लानिंग के तहत ज्योति की हुई थी हत्या
सरेया वार्ड नं तीन के रहने वाले वीआइपी कोषाध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद ने अपनी बेटी ज्योति की शादी 20 मई 2023 को महम्मदपुर थाना क्षेत्र के पकड़ी वार्ड नं -1 के रहने वाले तथा परसौनी ग्राम पंचायत के मुखिया शंभु सहनी के पुत्र राजू सहनी के साथ की थी. शादी में अपनी औकात के मुताबिक उपहार भी दिया था. ज्योति को छह माह का एक पुत्र भी है. उनकी पुत्री अपनी ससुराल में थी. बीच-बीच में कई बार ससुराल के लोगों के द्वारा उसे दहेज में कार की मांग को लेकर प्रताड़ित किया जाता था. दामाद के मछली के हेचरी खोलने के लिए पांच लाख रुपये की मांग कर रहे थे. इसे पूरा कर पाने में सुरेंद्र प्रसाद असमर्थ थे. कई बार ससुराल में जाकर परिजनों को समझा कर पुत्री को ठीक से रखने का आग्रह किया था. इस बीच गत चार जुलाई की सुबह 5:30 बजे उनके समधी शंभु सहनी ने कॉल कर बताया कि आपकी लड़की सुबह अपने कमरे में नहीं है. वह अपने पुत्र को छोड़ कर कहीं चली गयी है. उन्होंने आरोप लगाया कि हत्या पूरे प्लान के तहत की गयी थी.ज्योति की हत्या करने के बाद हाथ-पैर बांधकर शव को नदी में फेंका गया था
बैकुंठपुर के सीओ गौतम कुमार सिंह के सामने जब एसडीआरएफ की टीम ज्योति का शव नदी से निकालकर पहुंची, तो लोगों की हिम्मत कांप गयी. लोगों ने बताया कि ज्योति के गले को काटने का निशान मिला, उसकी आंखे भी निकाली गयी थी. हाथ-पैर को पीछे की ओर बांधकर नदी में डाल दिया गया था. प्लानिंग के तहत लापता होने का दावा मुखिया शंभु सहनी का परिवार करता रहा. महम्मदपुर पुलिस भी उसकी बातों को मानकर जांच कर रही थी.
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