गोपालगंज. बंगाल की खाड़ी से आ रहीं नम हवाओं ने अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान कम कर दिये. इसके साथ ही माहौल में उमस बढ़ गयी. लोगों को दिन में तापमान से अधिक गर्मी महसूस हुई. वैसे अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों सामान्य औसत से कम रहे. रविवार से शाम से बादलों की आवाजाही बढ़ गयी थी.
बारिश से कई मुहल्लों में हुआ जलजमाव
बुधवार को भोर में बारिश हुई. सुबह से दिन के 11 बजे तक बादलों के कब्जा रहने से राहत रही. उसके बाद धूप शरीर के चमड़े को झुलसाने लगी. वहीं शाम में बादलों के कब्जा से लगा कि जमकर बारिश होगी. बादलों के बरसने का इंतजार लोग करते रहे. बारिश नहीं हुई. तेजी से घट-बढ़ रहे तापमान से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. बारिश के कारण कई मुहल्लों में जलजमाव हो गया. जिससे दिन भर लोग नालों के बदबू भरे पानी के बीच गुजरते मिले. नगर परिषद को इसका कोई असर नहीं पड़ा.
पर्यावरण के असंतुलन ने स्वास्थ्य पर डाला
प्रभाव
मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि कुछ साल पहले तक मौसम का एक तय क्रम हुआ करता था. मई-जून में तपती गर्मी, जुलाई-अगस्त में झमाझम बारिश, और नवंबर-दिसंबर में कड़ाके की ठंड. लेकिन अब यह सिलसिला गड़बड़ा गया है. अब हालत यह है मई के महीनों में ओले पड़ रहे हैं. पर्यावरण के इस असंतुलन ने हमारी धरती पर ही नहीं बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव छोड़ा है.
सामान्य से नीचे रहा तापमान
बुधवार को अधिकतम तापमान 40.4 सामान्य से 7.6 डिग्री गिरकर 32.8 डिग्री पर आ गया. जबकि रात का पारा सामान्य 28.6 से 2.5 डिग्री कम होकर 26.1 डिग्री दर्ज किया गया. आर्द्रता 65% पर पहुंच गयी. पुरवा हवा 11.8 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती रही. जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है.
बंगाल की खाड़ी से आ रही है नमी
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