गोपालगंज. यह तस्वीरें चौंकाने वाली है. करोड़ों की खर्च कर सरकार ने मिट्टी की हेल्थ जांच के लिए अत्याधुनिक मशीन लगा दी है. मिट्टी जांच के लिए इन मशीनों को किसानों का इंतजार है.
मिट्टी जांच के बाद भी किसान नहीं ले रहे सलाह
विभाग के पास मौजूद अत्याधुनिक मशीनें :
एएएस मशीन, फ्लेम फोटोमीटर, पीएच मीटर मशीन व एससी मशीन.किसान ऐसे कराएं मिट्टी की जांच
कृषि विभाग के अधिकारियों की माने, तो खरीफ की खेती से पहले किसान अपने खेतों से मिट्टी का नमूना लेकर स्वयं विभाग में लाकर जांच करा सकते हैं. खेतों के चारों कोने से चार फुट किनारा को छोड़कर 15 सेमी गहरा कर मिट्टी को हटाएं. उसी प्रकार खेत के बीच से भी 15 सेमी गहरा मिट्टी निकालकर हटा दें. उसके बाद उसकी परत को निकालकर एक पॉलीथिन में इकट्ठा करने के पश्चात उसमें का खर-पतवार निकाल लें. उसे बारिक बनाएं. इसके बाद मिट्टी को एक में मिलाकर जांच के लिए नमूना भेजें. विभाग जांच कर बतायेगा कि जमीन में किन तत्वों की कमी है. उस तत्व को डालकर किसान अपने खेत को बंजर होने से रोक सकते हैं. साथ ही अपनी उपज भी दोगुना कर सकते हैं.
ढैंचा व वर्मी खाद से होगी मिट्टी की सेहत ठीक : विशेषज्ञ
सहायक निदेशक रासायन, बाबूचंद सिंह ने बताया कि किसानों को जागरूक करने के लिए हर स्तर पर प्रयासरत हैं. कृषि मेला, चौपाल में भी किसानों को मिट्टी की जांच कराने की सलाह व उसके फायदे बताये जा रहे. हरी खाद पर जोर दिया जा रहा. खेतों में ढैंचा व वर्मी खाद से मिट्टी की सेहत को दुरुस्त किया जा सकता है.
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