गोपालगंज. जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से रविवार को सिधवलिया प्रखंड के बुचेया पंचायत भवन परिसर में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.नालसा (आदिवासी अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन) योजना 2015, स्थायी लोक अदालत का गठन, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013, विधिक सहायता आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई. पैनल अधिवक्ता यासर अरफात एवं पीएलवी नवीन कुमार पांडेय की टीम ने उपस्थित प्रतिभागियों को आदिवासी समुदाय के अधिकारों, सरकारी नौकरियों में आरक्षण, आदिवासी बच्चों को मुफ्त शिक्षा के अधिकार जैसे विषयों के कानूनी पहलुओं से अवगत कराया. कोर्ट कैंपस में स्थायी लोक अदालत की स्थापना की गई है. इसका उद्देश्य जन उपयोगी सेवाओं से संबंधित विवादों का त्वरित और सौहार्दपूर्ण समाधान प्रदान करना है. स्थायी लोक अदालत डाक, तार, टेलीफोन, सड़क या हवाई मार्ग से यात्रा व माल सेवा, बिजली, सार्वजनिक वाहन, स्वच्छता व्यवस्था, अस्पताल व औषधालय, बीमा, रियल एस्टेट, शिक्षा, बैंकिंग आदि से संबंधित विवादों के निपटारे का मंच प्रदान करती है. साथ ही इसमें केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य लोक उपयोगी सेवाएं भी शामिल हो सकती हैं. इस अदालत का निर्णय अंतिम और सभी पक्षों के लिए बाध्यकारी होता है, जिससे लोगों को लंबी कानूनी प्रक्रिया से राहत मिलती है. कार्यक्रम में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित अधिनियम 2013 के तहत कानूनी प्रावधानों की जानकारी भी दी गई. किसी विभाग में कार्यरत महिला यदि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का शिकार होती है, तो वह विभाग में गठित यौन उत्पीड़न शिकायत समिति के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है. समिति मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित निर्णय लेती है. इस अवसर पर बुचेया पंचायत के जनप्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण जनता उपस्थित रही.
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