बरौली. शहर में एक बार से बुजुर्गों के ठहाके गूंजेंगे तथा एक बार फिर से महफिल जमेगी. इसके लिए तैयारियां जारी हैं. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो बहुत जल्द भड़कुइयां पुस्तकालय और क्लब का निर्माण पूरा कर लिया जायेगा और इसके माध्यम से एक बार फिर से विश्वस्तरीय कलाकार शहर में आयेंगे तथा इतिहास दोहराया जायेगा. 1952 से 1983 तक पूरे क्षेत्र में शिक्षा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन और खेल-कूद का अलख जगाने वाले शहर के एकमात्र क्लब में एक बार फिर से कवियों और फिल्मकारों की महफिल सजेगी और ठहाके गूंजेगे. नगर परिषद इसे लेकर गंभीर है और इसके निर्माण के लिए मजदूर काम में लग गये हैं. पूर्व की इओ सपना कुमारी द्वारा पुस्तकालय पुनर्निर्माण के लिए काफी प्रयास किये गये थे, राशि भी उपलब्ध हो गयी थी, लेकिन उनके जाने के बाद यह योजना खटाई में पड़ गयी थी. अब अगले इओ ज्योति कुमार श्रीवास्तव तथा चेयरपर्सन सीमा देवी द्वारा इसका पुनर्निर्माण कराने की शुरुआत की जा चुकी है ताकि शहर के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर इस क्लब और पुस्तकालय एक बार फिर से नये सिरे से सामने आये तथा शहर के युवा, बुजुर्गों आदि को लाभ हो. चेयरपर्सन सीमा देवी ने बताया कि शहर में वर्षों से बंद पड़े क्लब और पुस्तकालय का नये सिरे से निर्माण कराये जाने की योजना है ताकि शहर एक बार फिर से पुराना गौरव पा सके और शहरवासियों, खास कर बुजुर्गों तथा छात्रों के लिए एक अलग मुकाम पैदा हो. गौरतलब है कि 1952 में उक्त क्लब का निर्माण द्वितीय पंचवर्षीय योजना से कराया गया था तथा 1983 तक यह लगातार शिक्षा तथा कला के क्षेत्र में अपनी ज्योति जगाता रहा और अंत में बंद हो गया. अब नप की उदासीनता दूर हो गयी है और एक बार फिर से शहर में महफिलें सजेंगी तथा बुजुर्गों के बेबाक ठहाके गूंजेंगे.
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