गोपालगंज. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उचकागांव के महैचा गांव में छापेमारी कर एक महिला समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपितों में रुस्तम उर्फ कुनकुन, जलील और कबूतर खातून शामिल हैं. शनिवार को तीनों को सीजेएम आनंद त्रिपाठी के कोर्ट में पेश किया गया, जहां पुलिस ने उन्हें जम्मू-कश्मीर ले जाने के लिए तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड मांगी. कोर्ट ने पुलिस की मांग मंजूर कर तीन दिनों की ट्रांजिट रिमांड दे दी. इसके बाद पुलिस तीनों को लेकर जम्मू-कश्मीर रवाना हो गयी. पुलिस कप्तान अवधेश दीक्षित के आदेश पर सांबा जिले के बारी ब्राह्मणा थाने के इंस्पेक्टर पुष्पिंदर सिंह के नेतृत्व में दो दिनों की छानबीन के बाद कार्रवाई की गयी. एसपी के निर्देश पर उचकागांव थाने की पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी कर आरोपितों को गिरफ्तार किया गया. इस गिरफ्तारी से इलाके में हड़कंप मच गया. बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या का आरोप जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के बारी ब्राह्मणा थाने की केके इंजीनियरिंग फैक्ट्री के गेट पर एक नवंबर, 2024 को रात्रि लगभग 10 बजे मारपीट के दौरान एक व्यक्ति रेयाज की गंभीर रूप से घायल हो गया. उसकी इलाज के लिए ले जाने दौरान मौत हो गयी. बारी ब्राह्मणा थाने में अज्ञात के खिलाफ कांड पंजीकृत हुआ. कांड की जांच इंस्पेक्टर पुष्पिंदर सिंह के नेतृत्व में शुरू हुई. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि बिहार के मजदूरों ने पीट-पीट कर मार डाला है. घटना के बाद भाग कर गांव आ गये थे. हत्याकांड में प्रारंभिक तथ्यों और गवाहियों के आधार पर संजय नट समेत अन्य मजदूरों की भूमिका संदिग्ध मानकर पूछताछ की गयी. पुलिस एक्शन में आयी और कांड के खुलासे के करीब पहुंच गयी. सीवान के संजय नट ने कांड का किया खुलासा विश्वसनीय स्रोतों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि घटना के उपरांत घटनास्थल के समीप झुग्गियों में रहने वाले कुछ मजदूर घटनास्थल से भाग कर बिहार चले गये थे. हाल ही में इनमें से कुछ मजदूर बारी ब्राह्मणा (लेन नंबर-03) में लौट आये हैं. एक मजदूर सीवान जिले के कन्हौली थाने के जहूर नट के बेटे संजय नट को परिवार सहित पूछताछ के लिए थाने में बुलाया गया. पूछताछ में संजय नट ने बताया कि वह अपने परिवार सहित केके इंजीनियरिंग फैक्ट्री परिसर, लेन नंबर-03 में झुग्गी में किराये पर रह रहा था. एक नवंबर, 2024 को रात्रि लगभग 10 बजे उसने फैक्ट्री के गेट के पास शोरगुल की आवाज सुनी. बाहर आकर देखा कि रुस्तम, जलील और कबूतर (निवासी बिहार) को कुछ अज्ञात लोगों द्वारा पीटा जा रहा था, जिसमें एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल होकर गिर पड़ा था. डर के कारण वह परिवार सहित अपनी झुग्गी में लौट गया और अगले दिन पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए अन्य मजदूरों के साथ बिहार चला गया.
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