गोरौल. थाना क्षेत्र के पिरापुर की छात्रा संजना के लिए न्याय की मांग करते हुए रविवार को बड़ी संख्या में लोगों ने कैंडल मार्च निकाला. मार्च के दौरान लोगों ने ‘संजना मांगे न्याय, अपराधी को फांसी दो’ का नारा लगा रहे थे. यह मार्च उस जघन्य घटना के विरोध में था, जिसमें गोरौल थाना क्षेत्र के पिरापुर मथुरा गांव की छात्रा संजना का अपहरण कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई थी. इससे पहले शनिवार शाम में भी को गांव में ही एक कैंडल मार्च निकाला गया था.मालूम हो कि ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने पिरापुर के एक खेत के गड्ढे से संजना का शव बरामद किया था. इस मामले में परिजनों द्वारा भगवानपुर और गोरौल थाना पुलिस को संजना के अपहरण कर हत्या की आशंका जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन डेढ़ महीने तक पुलिस ने इस पर ना तो प्राथमिकी की और ना ही कोई एक्शन लिया. शव मिलने के बाद एसपी ने दोनों थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया. इस घटना के विरोध में थाना क्षेत्र के बेलवर घाट से भी रविवार को आक्रोशित लोगों ने कैंडल मार्च निकाला. इस विरोध-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और युवा शामिल हुए. सभी ने मोमबत्तियां जलाकर संजना को श्रद्धांजलि दी और अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो संजना की जान बचाई जा सकती थी. परिजन लगातार थाने और वरिष्ठ अधिकारियों से मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली. इसी का फायदा उठाकर आरोपितों ने संजना की हत्या कर उसके शव को जमीन में दफना दिया. इस संबंध में प्रदर्शन के दौरान अजय कुशवाहा ने कहा कि इस घटना ने पुलिस कार्रवाई पर बड़ा सवाल खड़ा किया है. आखिर एक गायब बेटी के परिजन कहां कहां दौड़ेगे कि उन्हें न्याय मिले. इन्होंने कहा कि अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो शायद संजना हम लोगों के बीच होती. इस दुख की घड़ी में सभी संजना के परिवार के साथ है. जब तक संजना मामले में परिवार को न्याय नहीं मिलता तब तक ये संघर्ष चलता रहेगा. बेलवर घाट से निकला केंडल मार्च आदमपुर होते हुए गोढ़िया तक पहुचा और इसे गोरौल चौक तक जाना था, लेकिन गोढ़िया एनएच पर पहुंचते ही कुछ लोग भीड़ में शामिल हो गए और राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने लगे. कुछ लोगों ने उपद्रव मचाने की भी कोशिश की, जिस पर मार्च के आयोजकों ने आपत्ति जताई और खुद को अलग कर लिया. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक संजना को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
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