महनार. महनार प्रखंड के चमरहरा गांव में घाघरा नदी की सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से रैयती दिखाकर रजिस्ट्री किये जाने की खबर शनिवार के अंक में प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया. शनिवार को सीओ पूजा राय मौके पर पहुंचीं और स्थलीय जांच की. सीओ ने चमरहरा मौजा में खेसरा संख्या 1869 की स्थिति को मौके पर जाकर अवलोकन किया, जिसे पुराने नक्शे में नदी के रूप में दर्ज बताया गया है. उन्होंने नये और पुराने नक्शे तथा जमाबंदी अभिलेखों के आधार पर स्थल की स्थिति का जायजा लिया. स्थलीय जांच में यह तथ्य सामने आया कि पुराने नक्शे में खेसरा संख्या 1869 की 11 एकड़ 81 डिसमिल भूमि को नदी के रूप में दर्ज किया गया है, जबकि नये नक्शे में उक्त जमीन को खंडित कर अलग-अलग खेसरा बनाते हुए निजी जमाबंदी दिखाकर रजिस्ट्री कर दी गयी है. मामला प्रकाश में आने के बाद प्रशासन अब जांच की दिशा में गंभीरता से कदम उठा रहा है. मौके पर मौजूद अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने कहा कि यदि यह मामला सामने नहीं आता, तो सरकारी जमीन पर भू-माफियाओं का कब्जा हो जाता. सीओ ने बताया कि पुराने दस्तावेज, खतियान, नक्शा व जमाबंदी रजिस्टर के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे जिलाधिकारी को भेजी जायेगी. उन्होंने कहा कि यदि जमीन की रजिस्ट्री फर्जी पाई गयी, तो संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जायेगी.
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