गोरौल. गोरौल प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों से होकर गुजरने बाली वाया नदी भीषण गर्मी में जल विहीन हो गयी है. नदी में पानी नहीं रहने के एक ओर जहां आम लोगों को परेशानी हाेती है, वहीं दूसरी ओर पशु, पक्षियों और अन्य वन्य जीवों को भी पानी पीने के लिए भटकना पड़ता है. ग्रामीण बताते है कि यह नदी नेपाल से निकलकर भैंसा लोटन होते हुए विभिन्न जिलों से होकर गंगा नदी में समा जाती है. प्रखंड क्षेत्र में यह नदी कटरमाला, रुसुलपुर तुर्की होते हुए महुआ प्रखंड को जोड़ती है. इस नदी से किसानों को काफी फायदा होता था. क्षेत्र में सिंचाई का प्रमुख साधन है. इसमें पंप सेट लगाकर किसान आसानी से अपने खेतों का पटवन किया करते थे. पहले के समय में इसमें काफी पानी रहता था. नदी के किनारे कई जगहों पर श्मशान घाट भी बना हुआ है. जहां शव जलाने के बाद लोग स्नान करते थे, लेकिन अब नदी पानी नहीं होने से लोगों को समस्या होती है. वर्तमान समय में पड़ रही भीषण गर्मी में लोगों सिंचाई के साथ कई अन्य कार्य भी प्रभावित होते है. लोग बताते है यही स्थिति रही तो कुछ दिनों बाद नदी की पेटी में खेती शुरू हो जायेगी. विधायक सिद्धार्थ पटेल ने बताया कि गाद भर जाने के कारण नदी में पानी नहीं है. सरकार नदी से गाद निकालने की प्रक्रिया शुरु कर दी है. वैशाली प्रखंड के भागवतपुर गांव से गाद निकासी शुरू किया गया है. गाद निकलने के बाद नदी में स्वतः पानी का ठहराव हो जायेगा.
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