hajipur news. बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्तूप के उद्घाटन के लिए बन रहा हैलिपैड, पोल किये जा रहे दुरुस्त

19 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री ने किया था शिलान्यास, 72 एकड़ में 550.48 करोड़ की लागत से बना है परिसर

By RATNESH KUMAR SHARMA | July 26, 2025 6:41 PM
an image

वैशाली. बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का उद्घाटन 29 जुलाई मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. उद्घाटन समारोह में चीन, जापान, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, तिब्बत, म्यांमार, भूटान, वियतनाम, कंबोडिया सहित लगभग 15 देशों के बौद्ध भिक्षुओं के आने की संभावना है. उद्घाटन समारोह को लेकर प्रशासनिक तैयारियों जोर शोर से जारी है. हैलीपैड का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमे दर्जनों मजदूर इस काम को अंतिम रूप देने में लगे है. वही मुख्य द्वार से लेकर अभिषेक पुष्करणी के चारों ओर सड़क के दोनों किनारे साफ-सफाई की जा रही है. बिजली विभाग की ओर से बिजली व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. वही जिला स्तर से संबंधित विभाग के पदाधिकारी कार्य का मॉनीटरिंग कर रहे हैं. स्थानीय लोगों में भी बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का उद्घाटन को लेकर काफी उत्साह है.

होटलों व मोनेस्टरी में हो रही बुकिंग

संग्रहालय का शिलान्यास एवं कार्यारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 19 फरवरी 2019 को किया गया था. बिहार सरकार द्वारा अधिग्रहित 72 एकड़ जमीन पर भवन निर्माण विभाग द्वारा बनाए गये बौद्ध दर्शन संग्रहालय में मेडिटेशन सेंटर, लाइब्रेरी, विजिटर हॉल, गेस्ट हाउस बनकर तैयार है. वही भगवान बुद्ध की अस्थि कलश रखने के लिए भव्य स्तूप का भी निर्माण किया गया है. पूरे परिसर को काफी आकर्षक ढंग से सजाया गया है. बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा 4300 वर्ग मीटर भूखंड पर राजस्थान से मंगवाए गए गुलाबी पत्थरों से किया गया है. पत्थरों से निर्मित पूरी संरचना में पत्थरों को जोड़ने के लिए किसी भी प्रकार के चिपकाने वाले पदार्थ का प्रयोग नहीं किया गया है. बुद्ध स्मृति स्तूप की कुल ऊंचाई 33 मीटर है. इसका आंतरिक व्यास 38 मीटर और बाहरी व्यास 50 मीटर है.

खुदाई में मिला था भगवान बुद्ध का अस्थि कलश

केपी जायसवाल शोध संस्थान के निदेशक अनंत सदाशिव अलकेटर की अगुआई में 1958 में पुरातत्विक खुदाई के अंतर्गत फाहियान एवं व्हेनसांग के यात्रा वृतांत में वर्णित तथ्यों के आधार पर वर्तमान में स्थित बौद्ध स्तूप के अंदर भगवान बुद्ध के अस्थि कलश की प्राप्ति हुई थी. 1958 से 1972 तक वैशाली के निजी संग्रहालय में रखा गया था. बाद में सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस अनमोल धरोहर को पटना में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है. इसे देखने काफी संख्या में थाइलैंड, श्रीलंका, वियतनाम, जापान, कम्बोडिया आदि देशों के पर्यटक आते है. भगवान बुद्ध की अस्थि कलश स्थापित होने के बाद वैशाली भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा होगा और यहां के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. स्थानीय लोगो में भी उद्घाटन को लेकर काफी उत्साह का माहौल है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां हाजीपुर न्यूज़ (Hajipur News) , हाजीपुर हिंदी समाचार (Hajipur News in Hindi), ताज़ा हाजीपुर समाचार (Latest Hajipur Samachar), हाजीपुर पॉलिटिक्स न्यूज़ (Hajipur Politics News), हाजीपुर एजुकेशन न्यूज़ (Hajipur Education News), हाजीपुर मौसम न्यूज़ (Hajipur Weather News) और हाजीपुर क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version