हाजीपुर. पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश ने एक मूक-बधीर बच्ची से करीब ढाई वर्ष पूर्व हुए दुष्कर्म मामले में सोमवार को एक दोषी को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी. साथ ही उस पर 60 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. यह जानकारी पॉक्सो के विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा ने दी. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि बेलसर ओपी के एक गांव में 22 नवंबर 2022 को 13 वर्षीया बच्ची अपने घर के दरवाजे पर खेल रही थी. इसी दौरान बेलसर थाना क्षेत्र के पटेढ़ा बुजुर्ग निवासी 20 वर्षीय अभिषेक कुमार वहां आया और किशोरी को बुलाकर अपने फूस की झोपड़ी में ले गया. वहां पर किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसे छोड़ दिया. पीड़िता वहां से अपने घर आयी और अपनी मां को पूरी घटना की जानकारी इशारे में दी. उसकी मां उसे युवक के घर ले जाकर उसकी पहचान करायी. इसके बाद युवक को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह फरार हो गया. पीड़िता की मां ने वैशाली थाना में दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज करायी. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी अभिषेक कुमार को 04 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. तब से वह जेल में बंद है. पुलिस ने पांच दिसंबर 2022 को न्यायालय में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी स्वाति सुमन के समक्ष पीड़िता का बयान कलमबंद कराया. इस मामले में पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया. वहीं, विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा द्वारा कराये गये छह साक्षियों एवं नौ प्रदर्श के परीक्षण-प्रतिपरीक्षण के बाद अभिषेक कुमार को बीते गुरुवार को दोषी करार दिया गया. इसी मामले में सोमवार को सजा की बिंदु पर सुनवाई के बाद उसे भादवि की धारा 377 में पांच वर्ष की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड, लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा चार अंतर्गत 10 वर्ष की सश्रम कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड तथा इसी अधिनियम की धारा 06 अंतर्गत 20 वर्ष की सश्रम कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गयी. सभी सजाएं साथ- साथ चलेगी.
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