
सिमुलतला. थाना क्षेत्र में रविवार को मुहर्रम भाईचारे के साथ मनाया गया. क्षेत्र की कुल 27 दरगाहों से भव्य ताजिया जुलूस निकाले गये. इनमें बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने पारंपरिक लाठी-डंडा और तलवारबाज़ी के माध्यम से प्रदर्शन किया. इस अवसर पर हिंदू समाज की ओर से निकले लक्ष्मण ठेकेदार ताजिया को सर्वश्रेष्ठ ताजिया माना गया. यह ताजिया एक सदी पुरानी परंपरा को जीवंत करता है, जिसकी शुरुआत स्व लक्ष्मण यादव ने की थी. आज उनके वंशज नकुल यादव, प्रकाश यादव, महेंद्र यादव और कैलाश यादव इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. मुस्लिम समाज के लोगों ने भी इस ताजिया के ऐतिहासिक महत्व को सराहा. जुलूस बथनावरण, गोदैया, कनौदी, पुरनकाडीह, सलैया, खुरंडा, ढोढरी, टेलवा, बरौंध्या समेत 27 गांवों से निकला. बीएन सरकार कोठी, न्यू फैशन क्लब बथनावरण, कनौदी और गोदैया के ताजिया के साथ युवाओं ने आकर्षक खेल और करतब दिखाकर लोगों का मन मोह लिया.पूरे कार्यक्रम के दौरान थानाध्यक्ष धनंजय कुमार व एसएसबी के जवानों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के तहत लगातार गश्त की गई, जिससे माहौल शांतिपूर्ण और नियंत्रित बना रहा. मुहर्रम के इस आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि सिमुलतला की धरती पर हिंदू-मुस्लिम एकता और सांस्कृतिक विरासत आज भी जीवंत है.
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