Jamui News : सोनो (जमुई). बीते अप्रैल माह से ही जिस तरह पारा 42 डिग्री से ऊपर रहा, उसका असर एक माह में ही दिखने लगा. तेज गर्मी के कारण क्षेत्र की नदियां और तालाब सूख गये हैं. बड़े-बड़े आहर और डैम भी पूरी तरह सूखने के कगार पर हैं. लगातार गर्मी और नदियों में बालू उत्खनन के कारण भू-जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. घरों में लगे बोरिंग और चापाकल फेल हो रहे हैं. पेय जल के लिए हाहाकार मचा है. आम लोगों के अलावा अब पशु पक्षी भी जल के लिए बेहाल हो रहे हैं. नदी, जोरिया, आहर और तालाब के सूखने से खासकर पशु पक्षियों को बड़ी परेशानी हो रही है. प्यास के कारण लोगों के हलक सूख रहे हैं. प्रखंड की सर्वाधिक महत्वपूर्ण और बड़ी नदी बरनार का पानी सूख गया है. नदी में दूर तक बालू ही बालू दिखायी देते हैं. प्यासे और जरूरतमंद लोग नदी के बालू को खोदकर किसी तरह पानी निकाल पा रहे हैं. छोटे आहर और तालाब तो सूख ही गये, बड़े तालाब में शुमार बेलाटांड़ डैम और बिंदी आहर भी सूखने के कगार पर हैं. ये दोनों बड़े तालाब सदैव अपने में अत्यधिक पानी रखने के लिए जाने जाते हैं. परंतु सूरज की तीखी धूप से इसका पानी भी लगातार कम हो रहा है. अब यह सूखने की स्थिति में है. लगभग यही स्थिति प्रखंड के अन्य बड़े तालाब तिलवरिया डैम, परमनिया दीवान आहर और अगहरा तालाब का है. छोटे आहर, जोरिया और छोटी नदी तो पहले ही सूख चुकी है.
संबंधित खबर
और खबरें