चकाई . चकाई विधानसभा क्षेत्र के बहुप्रतीक्षित महारायडीह स्थित अजय नदी पर पुल निर्माण को लेकर अब सियासी सरगर्मी तेज हो गयी है. एक सप्ताह पूर्व जब बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग ने इस पुल निर्माण के लिए सात करोड़ रुपये की लागत से निविदा जारी की, तब से सोशल मीडिया पर तीन धुरंधर नेताओं के समर्थकों के बीच श्रेय लेने की होड़ मच गयी है. बता दें कि यह पुल लंबे समय से चकाई विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अहम मुद्दा रहा है. अब जब इस पर आधिकारिक स्वीकृति के बाद निविदा की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो इलाके के लोगों में हर्ष है. लेकिन दूसरी ओर, इंटरनेट मीडिया पर अलग ही तस्वीर देखने को मिल रही है.
अपने-अपने नेता को नायक बनाने की होड़
पुल स्वीकृति का श्रेय लेने को लेकर बिहार सरकार के मंत्री सह चकाई विधायक सुमित कुमार सिंह, पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद, पूर्व विधायक सावित्री देवी के समर्थकों में जबरदस्त खींचतान देखने को मिल रही है. समर्थक सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपने-अपने नेता को इस स्वीकृति का नायक बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
तथ्यों से परे है क्रेडिट वॉर
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस स्वीकृति को लेकर ताल ठोकी जा रही है, उसकी निविदा विभाग ने 13 जून को जारी की है . ऐसे में सवाल उठता है कि यदि किसी नेता ने वास्तव में स्वीकृति दिलाने में भूमिका निभाई थी, तो उनके समर्थकों को इसकी जानकारी पहले क्यों नहीं थी. निविदा निकलने के एक सप्ताह बाद तक किसी को कानों-कान खबर नहीं थी और अब अचानक क्रेडिट वॉर तेज हो गया है.
सोशल मीडिया बना ट्रोलिंग का अखाड़ा
खासतौर पर मंत्री सुमित कुमार सिंह और पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद के समर्थकों के बीच सोशल मीडिया पर ज़ोरदार बहस छिड़ गयी है. एक-दूसरे पर व्यंग्य बाण चलाये जा रहे हैं. कई यूजर्स इस खींचतान को लेकर नेताओं के समर्थकों को ट्रोल भी कर रहे हैं.
जनता खुश, सियासत गरम
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