झाझा. थाना क्षेत्र के बैजला गांव निवासी गोकुल यादव सहित उनके परिजनों ने मंगलवार को बस स्टैंड स्थित इमरजेंसी अस्पताल परिसर में हंगामा किया. आक्रोशित गोकुल यादव ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी को सोमवार को रेफरल अस्पताल लाया था. तभी वहां रहे बिचौलिया ने बहला-फुसलाकर कर मेरी पत्नी को शहर के इमरजेंसी अस्पताल में भर्ती करवा दिया. भर्ती होने के बाद ही अस्पताल प्रबंधन ने जांच कराने के बाद बताया कि तुरंत ऑपरेशन करना आवश्यक है. इसके लिए 32 हजार जमा करने को कहा. फिर दवा आदि के नाम पर मुझसे रुपये लिये. कुल 45 हजार रुपये ले लिये. ऑपरेशन के बाद बच्ची का जन्म हुआ, लेकिन इसके बाद मेरी पत्नी की स्थिति बिगड़ने लगी, देर रात अस्पताल प्रबंधन के द्वारा आनन-फानन में मेरी पत्नी को एक एंबुलेंस में लादकर जमुई भेज दिया. जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. उन्होंने बताया कि इलाज में लापरवाही बरतने के कारण ही मेरी पत्नी की मौत हो गई. इस संबंध में पूछे जाने पर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह बताया कि इससे संबंधित कोई आवेदन अब तक पुलिस को नहीं मिली है. आवेदन मिलने के बाद ही जांच कर आगे की कार्रवाई की जायेगी. प्रसव पीड़िता के परिजनों के द्वारा हंगामा किये जाते ही इमरजेंसी अस्पताल के चिकित्सक व कर्मी अस्पताल में तालाबंदी कर निकल गये. इस संंबंध में अस्पताल प्रबंधन से बातचीत का प्रयास किया गया और अस्पताल के साइन बोर्ड़ पर रहे मोबाइल नंबर पर सम्पर्क किया तो सभी नंबर बंद पाया गया.
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