शिक्षा विभाग ने स्कूलों में पढ़ाई शुरू कराने का जारी किया शिड्यूल किशोरावस्था में हो रहे मानसिक और शारीरिक बदलाव व स्वास्थ्य की देखभाल के बारे में बताया जायेगा सभी स्कूलों के दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर बनाया गया है आरोग्य दूत गोगरी. छठी से 12वीं के बच्चों को अब स्वास्थ्य की भी जानकारी दी जाएगी. उन्हें किशोरावस्था में हो रहे मानसिक और शारीरिक बदलाव के साथ ही अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों और उसकी सही से देखभाल करने के बारे में बताया जाएगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी डीईओ को पत्र भेजकर इसे शुरू कराने का आदेश दिया है. वे स्कूल अपनी सुविधा के अनुसार मंगलवार या बुधवार को अनिवार्य रूप से एक घंटी स्वास्थ्य की पढ़ाई करेंगे. शिक्षा विभाग ने सप्ताहवार इसके लिए सिलेबस जारी किया है. इन सभी स्कूलों में दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत बनाया जा रहा है. कन्या मध्य विद्यालय जमालपुर के प्रधानाध्यापक रुस्तम अली ने बताया कि इसके लिए विद्यालयों में स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसका लक्ष्य स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के जीवन कौशल, शरीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास के साथ ही स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है. ताकि, उनका सर्वांगीण विकास हो. किशोरावस्था के दौरान उनके शरीर में काफी बदलाव आते हैं. साथ ही, मानसिक स्तर पर भी उनमें बदलाव दिखते हैं. ऐसे में उन्हें स्वास्थ्य व हो रहे बदलाव और इससे होने वाले प्रभाव और कुप्रभाव की जानकारी होनी चाहिए. ताकि, वे अपने स्वास्थ्य का खुद ख्याल रख सकें. इसके लिए सप्ताह में एक घंटी उन्हें पढ़ायी जाती है. हर तीन माह में एक बार स्कूल में मनाया जाता है किशोर स्वास्थ्य एवं आरोग्य दिवस इन स्कूलों में हर तीन माह में एक बार किशोर स्वास्थ्य एवं आरोग्य टिप्स जाता है. इसका उद्देश्य उन्हें इसके प्रति जागरूक करना है. शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रहेंगे, तभी वे बेहतर पढ़ाई-लिखाई कर सकेंगे. डॉ एस सिद्धार्थ ने सभी प्रधानाध्यापकों व अन्य संबंधित अधिकारियों से इन गतिविधियों की सीएएचपी (व्यापक किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम) मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से हर माह रिपोर्ट भेजने को कहा है.
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