राज ठाकरे के बयान पर जताया विरोध खगड़िया. युवा सांसद राजेश वर्मा ने राजभाषा समिति की बैठक के उपरांत राज भाषा समिति के सभी सदस्यों के साथ महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन में मुलाकात की. मुलाकात के दौरान सांसद राजेश वर्मा के साथ राजभवन पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र में हिंदीभाषी नागरिकों के साथ हो रहे अपमानजनक व्यवहार और हाल ही में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे द्वारा दिए गए विवादित बयान पर गहरी चिंता व्यक्त की. गौरतलब है कि राज ठाकरे ने एक भाषण में कहा था. जो मराठी नहीं बोलते, उन्हें पीटना चाहिए. लेकिन उसका वीडियो नहीं बनाना चाहिए. इस असंवेदनशील बयान को प्रतिनिधिमंडल ने भाषाई असहिष्णुता और असंवैधानिक मानसिकता का प्रतीक बताया. सांसद राजेश वर्मा ने कहा कि बिहार ऐसा एकमात्र राज्य है जिसकी प्रतिभा की धमक पूरे भारत में सुनाई देती है. बिहारी मजबूर हो सकते हैं, लेकिन कभी कमजोर नहीं होते. वे अपनी मेहनत और प्रतिभा से देश के हर राज्य की प्रगति में योगदान दे रहे हैं. आज कई विकसित राज्यों की नींव में बिहार के श्रमिकों, इंजीनियरों और बुद्धिजीवियों की मेहनत शामिल है. सांसद ने कहा कि यह देश एक है. भाषाएं अनेक हो सकती हैं, लेकिन भारत की आत्मा और संविधान एक है. किसी भी नागरिक को उसकी भाषा के आधार पर अपमानित करना संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है. राज्यपाल राधाकृष्णन ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वस्त किया कि वह इस विषय पर संबंधित प्रशासन को आवश्यक निर्देश देंगे. ताकि राज्य में सभी नागरिकों को समान अधिकार और गरिमा मिल सके.
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