गोगरी. आजकल के भाग दौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास इतना वक्त नहीं है कि अपने परिवार के साथ भी बैठकर कुछ समय व्यतीत कर सके. लेकिन पवन कुमार पासवान और दिलीप पासवान प्रत्येक दिन एक दूसरे से नहीं मिले तो इन दोनों को चैन नहीं आता है. इस कलयुग में दोस्ती की मिसाल यदि देखना है तो पवन कुमार पासवान और दिलीप पासवान की जोड़ी को देख सकते हैं. द्वापर युग में जिस प्रकार कृष्ण भगवान और सुदामा की दोस्ती काफी प्रचलित थी. सुदामा निर्धन होते हुए भी अपने दोस्तों को अपनी दास्तान बताना सभ्यता के खिलाफ समझता था. वहीं श्री कृष्ण भगवान राजा होते हुए भी निर्धन सुदामा को गले लगा कर एवं अपने साथ आसन पर बैठाकर दोस्ती का मिसाल कायम किया था. ठीक उसी प्रकार से इन दोनों की जोड़ी नजर आती है. एक साथ बैठकर दोनों आधी आधी बिस्कुट के साथ चाय का आनंद लेते हुए आपको चाय के दुकान पर अक्सर मिल जाएंगे. दिव्यांगजनों की सेवा के भावना से ओतप्रोत इन दोनों की जोड़ी सदा सहयोग में तत्पर रहते हुए दिखाई देते हैं.
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