गर्भवती महिलाओं के रक्त, मूत्र, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बीट की होगी जांच गोगरी. गर्भवती महिलाओं की अब सुरक्षित प्रसव के लिए महीने में तीन बार स्वास्थ्य जांच होगी. पहले सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा हर माह की 9 और 21 तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत दी जाती थी. लेकिन, अब राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर तीसरी तिथि 15 तारीख भी जोड़ी गयी है. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने निर्देशित किया है कि अब प्रत्येक महिला को अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी पूरी तरह निःशुल्क दी जाएगी. इसके अतिरिक्त उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर विशेष निगरानी और इलाज की व्यवस्था की जाएगी. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, प्रसव पूर्व जांच गर्भवती महिलाओं और उनके शिशु के लिए अत्यंत आवश्यक होती है. जांच से समय रहते जटिलताओं का पता चल जाता है और चिकित्सीय परामर्श से उनका समाधान संभव होता है. प्रसव के दौरान कठिनाइयों से बचने के लिए समय-समय पर जांच कराना अनिवार्य है. तीन बार एएनसी जांच की यह नई व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में कारगर सिद्ध होगी. गर्भवती महिलाओं के रक्त, मूत्र, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बीट जैसी महत्वपूर्ण जांच की जाती है, जिससे उन्हें सही समय पर इलाज व परामर्श दिया जा सके. अनुमंडलीय अस्पताल गोगरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर चंद्र प्रकाश ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं को इस अभियान से जोड़ने के लिए माह में तीन बार जांच की व्यवस्था की है. आशा कार्यकर्ताओं को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने को कहा गया है, ताकि सभी लाभार्थियों तक यह जानकारी पहुंचे और उन्हें प्रसव पूर्व जांच की सुविधा का लाभ मिल सके.
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