मोतिहारी . साइबर थाने की पुलिस ने बॉस गिरोह के बदमाश राजकिशोर राम व अनिमेश कुमार को रिमांड पर लिया है. दोनों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस दबिस के कारण दोनों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था. पूछताछ में बदमाशों ने चौकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस को दोनों ने बताया है कि बॉस गिरोह सिर्फ साइबर क्राइम तक ही सिमित नहीं था. हथियारों की तस्करी भी करता था. दोनों ने यह भी खुलासा किया है कि सिर्फ मोतिहारी में ही एक हजार के लगभग बैंक अकाउंट का उपयोग साइबर फ्रॉड के पैसों के ट्राजेक्शन के लिए किया जा रहा था.अकाउंट होल्डर को एक लाख पर एक परसेंट तथा अकाउंट होल्डर को लालच देकर उसमे रूपये मंगाने के एवज में राजकिशोर व अनिमेश को दो परसेंट कमीशन मिलता था. अकाउंट से पैसा निकालने व उसके ठिकाना लगाने का भी काम दोनों करते थे. दोनों ने पुलिस को यह भी बताया है कि अकाउंट से पैसा निकाल कर खाताधारक को कमीशन देने व खूद का कमीशन काट कर सारा पैसा मीना बाजार के दया शंकर को पहुंचाते थे. पुलिस का कहना है कि फिलहाल दयाशंकर पुलिस की पकड़से बाहर है. वह नेपाल में छुपा हुआ है. गिरफ्तारी के लिए प्रयास किया जा रहा है. बताते चले कि राजकिशोर रघुनाथपुर व अनिमेश सुगौली छपरा बहास का रहने वाला है. बता दे कि 16 जून को पुलिस ने शहर के अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर साइबर क्राइम करने वाले बॉस गिरोह के पांच बदमाशों को 30 लाख कैश, हथियार, नोट गिनने वाला मशीन, चेकबुक, पासबुक सहित अन्य सामान के साथ गिरफ्तार किया था. मामले में 16 लोगों के खिलाफ साइबर थाने में प्राथमिकी हुई थी. साइबर डीएसपी अभिनव परासर ने बताया है कि रिमांड पर लिए गए राजकिशोर राम व अभिनेश कुमार से पूछताछ में अहम जानकारी मिली है. बॉस गिरोह के फरार बदमाशों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी लगातार जारी है. अंतरराज्जीय साइबर गिरोह का संचालन सत्यम सौरभ, आयूष, यश व एसएसबी का हवलदार पंकज कुमार पांडेय करता था. फिलहाल पंकज सलाखों के पीछे है, जबकि, सत्यम सौरभ, आयूष व यश की गिरफ्तारी को लेकर की जा रही है. उन तीनों की गिरफ्तारी के बाद साइबर गिरोह बॉस के संबंध में अहम जानकारी मिलेगी. वहीं उस डायरी का भी राज खुलेगा, जो सत्यम के घर से मिला था. डायरी में कोड वर्ड में शब्दों को लिखा गया है. यह डायरी पुलिस के पास है.
संबंधित खबर
और खबरें