Motihari: केसरिया. चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से किसान बेहाल हैं. कई सप्ताह से बारिश नहीं हुई. जुलाई का पहला सप्ताह बीत गया, मगर खेतों में नमी नहीं है. खेतों में दरारें पड़ गई हैं. धान का पौधा सूखने लगा है. किसानों ने पंपिंग सेट से बिचड़ा डाला था. मेहनत और खर्च के बाद भी फसल नहीं बच सकी. खिजिरपुरा के रंजीत कुमार उर्फ छोटू, मठिया के दिलीप कुशवाहा समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि अब तक बिचड़ा तैयार नहीं हुआ. कुछ जगहों पर पंपिंग सेट से रोपाई की गई, मगर बारिश नहीं होने से धान जल गया. राजदीप कुशवाहा ने बताया कि मक्के की बुआई पंद्रह दिन पहले की गई थी. अब पौधे पीले पड़ने लगे हैं. छोटू गुप्ता समेत कई किसानों ने कहा कि इस बार खरीफ की खेती सूखे की भेंट चढ़ती दिख रही है. धान और मक्के की बोआई का सही समय निकल गया. आषाढ़ महीना सूखा बीत गया. रोपनी बुरी तरह प्रभावित हुई है. देर से बोआई होने पर फसल से लाभ नहीं मिलेगा. इस बार की खेती चौपट होती दिख रही है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि अब तक दस प्रतिशत से भी कम धान की रोपाई हुई है. किसानों को जल्द डीजल अनुदान मिलना शुरू हो जाएगा.
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