Motihari: मोतिहारी. पुलिस ने अंतर्राज्यीय साइबर गिरोह के पांच बदमशाों को गिरफ्तार कर एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है. उनके पास से 30 लाख कैश, रुपये गिनने वाली तीन मशीनें, दो देसी पिस्टल, 13 गोली, 24 मोबाइल, सात लैपटॉप, दो टैब, 16 पासबुक, 49 एटीएम कार्ड, 37 चेकबुक, दो लग्जरी गाड़ियों के अलावा एक महत्वपूर्ण डायरी बरामद हुई है. साइबर थाने के डीएसपी अभिनव पराशर ने सोमवार को प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि बदमाशों के पास से बरामद एक डायरी में करोड़ाें के लेनदेन के साथ फ्रॉड करने के तरीके व दैनिक लेखा-जोखा अंकित है. पकड़े गये बदमाशों में एक काे छोड़ सभी की उम्र 25-30 के बीच है. पूछताछ के दौरान बदमाशों ने साइबर क्राइम में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है. गिरोह के मास्टर माइंड दिल्ली में बैठे तीन व रघुनाथपुर के एक बदमाश के नाम का भी खुलासा किया है. उसके आधार पर उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. इस गिरोह से दो सौ के आसपास नौजवान जुड़े हैं. सभी की उम्र 20-25 के आसपास है. छापेमारी में साइबर डीएसपी अभिनव पराशर, दारोगा मनीष कुमार, राजीव सिन्हा, नवीन कुमार, मुमताज आलम, सब इंस्पेक्टर सौरभ कुमार आदाज, शिवम सिंह, प्रियंका कुमारी सहित सशस्त्र बल शामिल थे.
दिल्ली में बैठा आयुष, यश व अंश गिरोह को करते है हैंडिल, रघुनाथपुर का सत्यम जिले का है बॉस
मोतिहारी . दिल्ली में रहने वाला आयुष, यश व अंश नाम के तीनों युवक साइबर गिरोह के हैंडलर हैं. तीनों मूलत पूर्वी चंपारण के ही रहने वाले हैं. बंजरिया के अम्बिका नगर में इनका मकान है. उनके इशारे पर रघुनाथपुर का सत्यम सौरभ गिरोह का संचालन करता है. एक तरह से कहा जाये, तो सत्यम जिले का बॉस है. उसके घर से जो डायरी मिली है, उसमें उसके कारनामे का पूरा ब्योरा अंकित है. वह पैसे की हनक में कानून को भी कुछ नहीं समझता.
सुमित साइबर फ्रॉड के पैसों को यूएसडीटी में करता था इस्तेमाल
पुलिस ने बताया कि चांदमारी से गिरफ्तार सुमित सौरभ साइबर अपराधियों के पैसे को यूएसडीटी में इस्तेमाल कर उसे सफेद बनाता था. उसके घर से भी नोट गिनने वाली मशीन मिली है. वह रामगढवा के सिघासनी गांव का रहने वाला है. उसके चांदमारी स्थित मकान में स्मार्ट क्लास चलता है. शक है कि स्मार्ट क्लास का इस्तेमाल डिजिटल अरेस्ट में किया जाता था. वहीं पर फर्जी कोर्ट बैठती थी.मीना बाजार का दयाशंकर भी है मेंबर
प्रतिबिंब पोर्टल पर शिकायत मिलने के बाद हरकत में आयी पुलिस
बैंगलूरु की एक लड़की से 50 हजार का फ्रॉड हुआ. प्रतिबिंब पोर्टल पर शिकायत मिलने के बाद जिस खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ था, उससे जुड़े मोबाइल नंबर की पड़ताल की गयी, तो वह मोतिहारी का निकला. उसके आधार पर सबसे पहले राजाबाजार से दिपांशु पांडेय को पकड़ा गया. पुलिस ने उसे छोटा-मोटा फ्रॉड समझा, लेकिन एक पुलिस वाले ने कहा कि यह हजारों में नहीं करोड़ों में खेलता है. यह बात सुनने के बाद दिपांशु का चेहरा लाल हो गया. सख्ती से पूछताछ की गयी, तो पूरे सिंडिकेट का खुलासा होते चला गया.दोस्त की शादी में सत्यम ने थार पर बैठ उडाये थे 70 हजार रुपये
ढाका एसबीआइ, चांदमारी, छतौनी के बैंकों से सबसे ज्यादा ट्रांजेक्शन
बदमाशों के पास से ढाका एसबीआइ की फर्जी मोहर मिली है. पुलिस का कहना है कि साइबर फ्रॉड से अर्जित धनराशि सबसे ज्यादा ढाका, चांदमारी, छतौनी के बैंकों में जमा होने के साथ ही निकला भी है. पुलिस के रडार पर बैंक कर्मी भी है. उनकी संलिप्तता का साक्ष्य पुलिस तलाश रही है. पुलिस को यह भी सूचना मिली है कि बैंक खुलने से पहले भी लग्जेरियस गाड़ियां आकर गेट पर लग जाती थीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है