Motihari: मधुबन. बारिश के बाद लीची की फसल में लालिमा आने लगी है. इस बार मौसम अनुकूल होने के कारण अच्छी पैदावार की उम्मीद है. पूर्वी चम्पारण में 15 मई से बाजार लीची का फल आने लगेगी. लीची की अच्छी पैदावार को देखते हुए यूपी, दिल्ली, पंजाब आदि जगहों से कमीशन एजेंट मधुबन व मेहसी में कैम्प करना शुरू कर दिया है. बिहार में कुल लीची के उत्पादन का 50 फीसदी लीची पूर्वी चम्पारण में होता है. मेहसी व मधुबन का रेड पर्पल व रेड गोल्ड ब्रांड देश में ही विदेश में भी प्रसिद्ध है.मेहसी,मधुबन,चकिया,मोतिहारी,पकड़ीदयाल,तेतरिया प्रखंड लीची उत्पादन में अग्रणी है. जिले में 15 हजार से अधिक क्षेत्र में लीची का बगीचा है. केवल मेहसी प्रक्षेत्र में 11 हजार हेक्टेयर में लीची का उत्पादन किया जाता है.जिले के 27 में 17 प्रखंडों में लीची के बगीचे हैं.जहां करीब 3.6 लाख टन से अधिक का उत्पादन होता है. सीजन में करीब 110करोड़ रुपये का कारोबार होता है. इस व्यापार में करीब 150 से 200 छोटे-बड़े करोबारी शामिल रहते हैं. गोरखपुर, कानपुर,दिल्ली व काठमांडू होती है सप्लाई छोटे-छोटे व्यापारियों से कमीशन एजेंट लीची की खरीददारी करते हैं. खरीदी गयी लीची को गोरखपुर, कानपुर, दिल्ली,लखनऊ व काठमांडू में सप्लाई की जाती है. गोरखपुर व दिल्ली के आजादपुर मंडी से देश व विदेशों में लीची की आपूर्ति की जाती है. मार्च-अप्रैल के महीने व मई के प्रथम सप्ताह में भीषण गर्मी से लीची के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है. छोटे व्यापारी मो.सनाऊल्लाह, विनोद प्रसाद,राजेश कुमार आदि ने बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार लीची की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है.जिससे लीची के भाव में तेजी रहने की उम्मीद है.बीएओ प्रभात ने बताया कि मधुबन,मेहसी व पकड़ीदयाल लीची उत्पादन में काफी अग्रणी है.इस बार फल अच्छी लगी है.
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