Motihari: मोतिहारी. सदर प्रखंड सहित जिले के अन्य प्रखंडों में कार्यरत रोजगार सेवकों को अब एक नई भूमिका सौंपी गई है. उन्हें अपने-अपने क्षेत्र के कुओं का भू-जल स्तर मापने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही उन्हें अब ‘जलदूत’ का दर्जा भी प्राप्त होगा. यह पहल भारत सरकार के निर्देश पर शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य भू-जल स्तर की सटीक निगरानी करना और जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाना है. रोजगार सेवक अब सप्ताह में एक बार चिन्हित कुओं का जलस्तर मापेंगे और संबंधित आंकड़ों को ‘जलदूत ऐप’ पर अपलोड करेंगे. इसको ले मनरेगा आयुक्त अभिलाषा कुमारी द्वारा जिला कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा को निर्देश जारी किया गया है. जिला प्रशासन द्वारा इस कार्य के लिए सभी रोजगार सेवकों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें मोबाइल ऐप के माध्यम से डाटा एंट्री की प्रक्रिया विस्तार से समझाई गई है। जलदूत योजना के अंतर्गत एकत्रित आंकड़े भविष्य की जल नीति और योजनाओं के निर्धारण में मददगार साबित होंगे। वही पीओ तरूण कुमार ने बताया कि इस नई जिम्मेदारी से न केवल भू-जल प्रबंधन में सुधार की उम्मीद है, बल्कि रोजगार सेवकों की भूमिका भी और अधिक महत्वपूर्ण बन गई है. इससे जल संकट की समस्या से निपटने में सरकार को जमीनी स्तर पर बेहतर जानकारी और सहायता मिल सकेगी.
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