Motihari: कचरा प्रोसेसिंग को एमआरएफ प्लांट लगाने की तैयारी

शहर की आबादी लगभग साढ़े तीन लाख है. निगम के सभी 46 वार्डों से हर दिन करीब डेढ़ सौ टन कचरा निकल रहा हैं.

By SATENDRA PRASAD SAT | June 30, 2025 10:15 PM
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Motihari:मोतिहारी. शहर की आबादी लगभग साढ़े तीन लाख है. निगम के सभी 46 वार्डों से हर दिन करीब डेढ़ सौ टन कचरा निकल रहा हैं. इन कचरों का अबतक शत्-प्रतिशत निस्तारण नहीं हो पा रहा. शहरी 2.0 योजना के तहत नगर निगम क्षेत्र को कचरा मुक्त बनाने का लक्ष्य है. इसको लेकर निगम ने कवायद तेज कर दी है. एसबीएम योजना के तहत शहरी कचरा को जिरो टॉलरेंस के लिए अब एमआरएफ ( मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सिस्टम ) लगाने की तैयारी है. बताया जाता है कि स्वच्छता के दृष्टिकोण से नगर निगम का यह बड़ा कदम है. इससे कंपोस्ट खाद तैयार किया जायेगा. नगर निगम आयुक्त सौरभ सुमन यादव ने कहा कि एसबीएम के तहत कंपोस्ट यूनिट लगाने की योजना है. इसके लिए करीब छह एकड़ जमीन की आवश्यकता है. एमआरएफ प्लांट के लिए तीन एकड़ जमीन और कचरा डंपिंग के लिए तीन एकड़ जमीन चाहिए. कहा कि नगर निगम के स्तर से रूलही मौजा में सरकारी जमीन चिन्हित की गयी है. इससे संबंधित करीब छह एकड़ जमीन का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा गया है. कहा कि जिला प्रशासन से जमीन उपलब्ध कराये जाने के बाद प्लांट लगाने को ले आगे की प्रक्रिया आरंभ की जायेगी.

एमआरएफ कचरा प्रोसेसिंग मशीन

एमआरएफ (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) मशीन कचरे को अलग-अलग करके पुनर्चक्रण और अन्य उपयोगी चीजों में बदलने के लिए संसाधित करेगा. एमआरएफ कचरा प्रोसेसिंग मशीन, जिसे मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) भी कहा जाता है, एक ऐसी सुविधा है जो कचरे को अलग-अलग करने के लिए उपयोगी मशीन है. यह मशीन एकत्र किए गए कचरे से विभिन्न प्रकार के कचरे जैसे प्लास्टिक, कागज, धातु, कांच, और अन्य में अलग करेगा. एमआरएफ कचरे को पुनर्चक्रण योग्य और गैर-पुनर्चक्रण योग्य कचरे में अलग करके कचरे को कम करने में मदद करता है. जिससे पर्यावरण को प्रदूषण से बचाया जा सकता है.

शहर को कचरा मुक्त बनाना है लक्ष्य – मेयरशहरी 2.0 योजना के तहत शहर को कचरा मुक्त बनाने के अभियान को सफल बनाने के लिए सभी स्तर पर काम चल रहे है. शहर की साफ-सफाई के साथ कचरा निस्तारण को लेकर भी पहल की जा रही है. एसबीएम योजना के तहत कचरा डंपिंग यार्ड व एमआरएफ प्लांट लगाने के लिए छह एकड़ जमीन की आवश्यकता है. इससे संबंधित प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा गया है. जमीन उपलब्ध होने के साथ ही योजना को मूर्तरूप दिया जायेगा.

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