Motihari: मोतिहारी. पवित्र कुरान अल्लाह तआला का एक ऐसा चमत्कारी शब्द है, जो पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शन का मुख्य स्रोत है. यह दुनिया की सबसे महान और पवित्र पुस्तक है, जो अपनी सत्यता और प्रामाणिकता में अद्वितीय है. इसके तमाम आयतें,पारें व सूरहें याद करना और हाफ़िज़ बनना हर किसी के बस की बात नहीं है.ये बातें इस्लामिक स्कॉलर सहाफी ओजैर अंजुम ने मदरसा तजवीद अल-कुरान खैरवा में आयोजित प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए कही. फरहान आलम और फैजान आलम के हाफिज-ए- कुरान बनने पर मुबारकबाद दी और बेहतर मुस्तकबिल की दुआएं दी. कारी साजिद ने कुरान के महत्व और उपयोगिता पर चर्चा करते हुए कहा कि इस इश्वरीय ग्रंथ की शिक्षाएं लोगों को सभ्य और नैतिक बनाती हैं. कारी फखरे आलम चंपारनी ने दोनों को दुआएं देते हुए कहा कि अल्लाह जिसे जब चाहता है नवाज देता है. फरहान आलम ने मदरसा मुहम्मदिया तफहीज-उल-कुरान पकही से कुरान का स्मरण पूरा किया, उनके शिक्षक कारी बशीर अहमद इरफानी हैं. वहीं फैजान आलम ने मदरसा तजवीद-उल-कुरान खैरवा से कुरान को याद किया, उनके शिक्षक कारी मुश्ताक हैं. मदरसा तजवीद-उल-कुरान खैरवा के शिक्षा निदेशक कारी इनामुल हक,हाजी आबिद हुसैन, हाजी मंसूर खान,कारी हैदर, कारी सनाउल्लाह,नूर-उल-ऐन,हाजी हबीबुल्लाह, इमरान,शेख नथोनी,शेख शबराती,अंजार आलम,आकिब शेख, मासूम शेख हरकतवा आदि ने दुआएं दी.
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