मोतिहारी. बदलते मौसम और बरसात में डायरिया के कारण बच्चों और वयस्कों में अत्यधिक निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) होने से समस्याएं बढ़ जाती है. कुशल प्रबंधन के अभाव में यह जानलेवा भी हो सकता है. इसके लिए डायरिया के लक्षणों के प्रति सतर्कता व सही समय पर उचित प्रबंधन कर डायरिया जैसे गंभीर रोग से आसानी से बचा जा सकता है. बरसात के मौसम में डायरिया की संभावना और बढ़ जाती है. ऐसे में पीने की साफ पानी और स्वच्छता बरत डायरिया से बचा जा सकता है. खासकर शिशुओं में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है. यह आगामी 14 सितंबर तक चलेगा. डीसीएम ने बताया की पखवाड़ा को मनाने का मुख्य उद्देश्य जिले में दस्त के कारण होने वाली शिशु मुत्यु के शून्य स्तर को प्राप्त करना है. हर साल 13 प्रतिशत तक मौत डायरिया के कारण होती है. इनमें से अधिकांश मौतें ग्रीष्म और मानसून के मौसम में होती हैं. कहा कि ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग से डायरिया से होने वाली मुत्यु को टाला जा सकता है. आवश्यकतानुसार जिंक एवं ओआरएस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है. कहा कि पखवाड़े आयोजन के तहत लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
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