मोतिहारी . जिले के सभी वित्तिय संस्थान की सुरक्षा अब एसओपी के दायरे में आ गये है. एसओपी का मतलब स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर है. इसे हिंदी में मानक संचालन प्रक्रिया करते है. यह एक ऐसा डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें किसी काम को करने के लिए स्पेट-बॉय स्टेप सारी इन्फॉर्मेशन दी हुई रहती है. एसपल स्वर्ण प्रभात ने बताया कि सभी वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा को अब एसओपी के दायरे में लाया गया है। इसका मतलब है कि इन संस्थानों को अपनी सुरक्षा नीतियों और प्रक्रियाओं के लिए एसओपी का पालन करना होगा. इससे संस्थान के कर्मी के साथ-साथ आम नागरिक की सुरक्षा व समाज में भयमुक्त वातारण बनेगा. इसके लिए एसओपी का पालन करना आवश्यक है. कहा कि वैसे प्रतिष्ठान जो एसओपी का अनुपालन नहीं करेंगे, उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी. मुख्यालय के आदेश पर कड़ा कदम उठाया गया है. उन्होंने बताया कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक सीएसपी, एनबीएफसी वाले दुकान खोल ले रहे है. इसकी सूचना थाने को भी नहीं देते. उनके संस्थान में न तो सीसीटीवी कैमरा लगा होता है, न ही अलार्म, लोहे का गेट व जंरीर ही लगा रहता है. ऐसी परिस्थिति में अपराधी वैसे प्रतिष्ठान को आसानी से टारगेट कर लूटपाट करते है. उन्होंने बताया कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक के सभी बैंक, ज्वेलरी शॉप, सीएसपी व पेट्रोल पम्प संचालकों अपने-अपने संस्थानों में हाई क्वालिटी का कैमरा लगवाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही बैंकों को खासकर निर्देश दिया गया है कि सेंट्रल सर्वर से सीसीटीवी कैमरा को जोड़ कर रखे. एक दो कैमरा बाहर की तरफ काफी उंचाई पर लगाना है. कहा कि सभी को सुरक्षा को लेकर क्या-क्या करना है, इसकी जानकारी दे दी गयी है.
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