मुंगेर. सड़कों पर कुकुरमुत्ते की तरह सरपट दौड़ रहे आटो व ई-रिक्शा ने अधिकांश यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है. व्यस्ततम इलाका हो अथवा संकीर्ण सड़क, सवारी बैठाने के लिए ऑटो रिक्शा चालक किसी भी हद को पार करने में कोई कोताही नहीं बरतते हैं. आगे निकलने में ऑटो व ई-रिक्शा चालकों से जल्दी और किसी वाहन चालक को नहीं होती है. अधिकांश ऑटो चालक युवा या नाबालिग रहते हैं. ऐन केन प्रकारेण लाइसेंस प्राप्त कर अपना ना हो, तो भाड़े पर ऑटो या ई-रिक्शा लेकर सड़कों पर सरपट दौड़ाते हैं. लिहाजा जाम की समस्या और दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है.
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