मुंगेर. मुंगेर शहर की सेहत इन दिनों काफी खराब चल रही है, क्योंकि डीजल सेट जेनरेटर, जुगाड़ वाहन और खटारा ऑटो शहर की सड़कों पर जहरीली धुंआ उगल रही है. जिसके कारण जहां वातावरण प्रदूषित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर लोगों का फिटनेस बिगाड़ रहा है. लेकिन इस ओर न तो प्रदूषण विभाग गंभीर है और न ही परिवहन व नगर निगम अपनी जिम्मेदारी निभा रहा. जिसके कारण जहरीली धुएं में लोगों का दम घुट रहा है.
प्रतिबंधित डीजल जेनरेटर उगल रही जहर
शहर से लेकर गांव तक डीजल जेनरेटर का उपयोग हो रहा है. शादी-विवाह का सीजन शुरू हो चुका है. बिजली गुल होने पर विवाह हॉल व होटल तथा खुले में शहर से लेकर गांव तक लोग पुराने प्रतिबंधित डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे अधिक मात्रा में वायु व ध्वनि प्रदूषण होता है. जबकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पुराने प्रतिबंधित डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल करते पकड़े जाने पर जुर्माना व पांच साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. मैरेज हॉल व होटल में कैनोपी जनरेटर लगाने की अनुमति दी गयी है, ताकि इसमें से वायु प्रदूषण की मात्रा काफी कम पैमाने में निकले व रात में इस प्रतिबंधित जेनरेटर से निकलने वाली फट-फट की आवाज के कारण आसपास के लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. लेकिन मुंगेर में बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम कभी भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नही की है. जिसके के कारण आज भी इसका इस्तेमाल शहर से लेकर गांव तक खुलेआम हो रहा है. जिससे वायु में पीएम 2.5 की मात्रा अधिक होती जा रही है.
जहर उगल रहे धड़ल्ले से दौड़ते जुगाड़ वाहन
संशोधित नये परिवहन कानून प्रभावी होने के बावजूद आज भी शहर से लेकर ग्रामीण सड़कों पर भारी संख्या में अवैध जुगाड़ वाहन का परिचालन जारी है. रोक के बावजूद जुगाड़ वाहनों पर न सिर्फ यात्रियों व माल की ढुलाई की जा रही है, बल्कि उससे निकलने वाले जहरीले धुएं से आम लोगों का दम घुट रहा है. यह बिना रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस के सड़कों पर दौड़ रही है. सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट तक इसके परिचालन पर रोक लगा चुकी है. पूर्व में राज्य सरकार को सर्कुलर जारी कर जुगाड़ वाहन के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है. बावजूद जिला परिवहन विभाग, यातायात थाना अथवा स्थानीय थाना पुलिस द्वारा जुगाड़ वाहनों पर कार्रवाई नहीं कर रही है.
सड़कों पर बेधड़क दौड़ रही खटारा और जर्जर ऑटो
15 साल से अधिक पुरानी गाड़ी सड़क पर नहीं चलेगी. सरकार 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के बिना री-रजिस्ट्रेशन के सड़क पर परिचालन को अवैध घोषित किया है. लेकिन आज भी पुराना और जर्जर ऑटो शहर की सड़कों पर बेधड़क दौड़ रही है. अधिकांश ऐसे वाहनों पर रजिस्ट्रेशन नंबर तक नहीं होता है. जर्जर और खटारा वाहन शहर की सड़कों पर जहरीला धुंआ उगल रही है. क्योंकि सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों की फिटनेस जांच के नाम पर बस कागजी खानापूर्ति की जाती है. नियम के मुताबिक सड़कों पर दौड़ रहे व्यवसायिक वाहनों को नियमित फिटनेस सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता होती है. जबकि यहां बिना विभागीय जांच के सड़कों पर वाहन बेरोक टोक दौड़ाए जाते हैं. अगर अधिकांश मालवाहक व यात्री वाहनों की फिटनेस जांच सही मायने में की जाए तो अधिकांश वाहन सड़कों पर उतरने के लायक भी नहीं हैं. खटारा और जर्जर ऑटो जहरीला धुंआ उगल रही है. जिसमें लोगों का दम घुट रहा है.
सुरेंद्र कुमार अलवेला, जिला परिवहन पदाधिकारी
जहरीले धुएं से होती है खतरनाक बीमारी
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