बदहाली : करोड़ों खर्च के बाद भी बाजार से दवा खरीद कर इलाज कराने को विवश है लोग

मरीजों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मिल सके

By RANA GAURI SHAN | March 20, 2025 8:01 PM
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अस्पतालों में मरीजों को नहीं मिल रही समुचित दवाएं

मुंगेर

बताया जाता है कि सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल या अन्य किसी भी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मूल रूप से दो विभाग बाह्य विभाग (आउटडोर) तथा अंत विभाग (इंडोर) संचालित किया जाता है. जहां दोनों के लिए सरकार से ही दवाओं की उपलब्धता निर्धारित की गयी है. इसकी उपलब्धता इन दोनों विभागों में सुनिश्चित की जानी है. जबकि इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत द्वारा सभी जिले को सिविल सर्जन को पत्र जारी कर बाह्य विभाग (आउटडोर) तथा अंत विभाग (इंडोर) में निर्धारित दवा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया.

जरूरी दवा नहीं हो रही उपलब्ध

मुंगेर जिले के लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी के लिए वैसे तो प्रत्येक प्रखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा एचडब्लूसी संचालित है. जबकि जिला मुख्यालय में सदर अस्पताल संचालित है. जहां प्रखंड के मरीजों को रेफर कर भेजा जाता है, लेकिन सदर अस्पताल के बाह्य विभाग (आउटडोर) तथा अंत विभाग (इंडोर) में ही निर्धारित दवाएं उपलब्ध नहीं है. सदर अस्पताल के बाह्य विभाग (आउटडोर) में कुल 287 प्रकार की दवाएं होनी है. वहीं इसमें मात्र 198 प्रकार की दवाएं ही उपलब्ध है. जबकि अंत विभाग (इंडोर) में कुल 169 प्रकार की दवाएं होनी चाहिए. जिसमें यहां मात्र 100 प्रकार की दवाएं ही उपलब्ध हैं. हाल यह है कि उल्टी या दस्त के दौरान दी जाने वाली ओडेम तथा डाइसाइकोलोमीन जैसी आवश्यक दवाएं तक अस्पताल में लंबे समय से नहीं है. अब ऐसे में सामान्य के साथ कई बार गर्भवती महिलाओं को भी बाहर से ही दवा खरीदनी पड़ती है.

टांके के लिए सूई तक बाहर से ला रहे मरीज

सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में प्रतिदिन सड़क दुर्घटना, मारपीट व गन शॉट जैसे मामले आते हैं. जहां आने वाले घायलों को टांके के लिये 4.0 साइज की सई तथा धागा तक बाहर से लाना पड़ता है. जिसके लिये मरीजों को लगभग 150 से 200 रूपये तक खर्च करना पड़ता है. बता दें कि सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्डों में सालों से 4.0 साइज की सई उपलब्ध नहीं है. जबकि 2.0 साइज की सूई से केवल छोटे-छोटे जख्मों पर ही टांका लगाया जा सकता है. इसके अतिरिक्त इमरजेंसी वार्ड में उल्टी के लिये दी जाने वाली आंडेम इंजेक्शन तथा डाइसाइकलोमिन इंजेक्शन भी लंबे समय से उपलब्ध नहीं है.

कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि दवा की सप्लाई बीएमईआईसीएल द्वारा की जाती है. वहां उपलब्ध दवा अस्पताल में समय-समय पर इंडेंट की जाती है. वहीं आवश्यक दवाओं को आवश्यकतानुसार के अनुसार खरीद की जाती है.———————————————–

प्रखंडवार दवाओं की स्थिति

प्रखंड आउटडोर उपलब्धता इंडोर उपलब्धता

बरियारपुर 201 124 93 69

जमालपुर 201 121 93 62

संग्रामपुर 212 129 97 68

टेटियाबंबर 201 107 93 68

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