महापंचायत में किसानों ने सरकार की नीतियों को बताया किसान विरोधी
जुलूस का नेतृत्व किसान नेता नारायण यादव, उत्तम दास और सुधीर यादव ने किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति वापस लो, स्मार्ट मीटर हटाओ, किसानों का कर्ज माफ करो, “बिजली अधिनियम 2023 रद्द करो, भ्रष्ट अंचलाधिकारी मुर्दाबाद जैसे नारे लगाये. मौके पर संगठन के राज्य सचिव काॅमरेड कृष्णदेव साह ने कहा कि किसान देश का पेट पालता है. लेकिन खुद भूखा मरने को मजबूर है. उन्होंने आरोप लगाया कि संग्रामपुर के सीओ भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान गढ़ रहे हैं. दाखिल-खारिज, अतिक्रमण और विवादित जमीन के मामलों में राशि की वसूली की जा रही है और वर्षों पुराने मकानों को गलत ढंग से दूसरे के नाम बंदोबस्त किया जा रहा है. सभा को कामेश्वर रंजन, बांका के जिला सचिव अर्जुन पाल, कविंद्र पंडित, सुधीर यादव, नारायण यादव और उत्तम दास ने कहा कि जब तक किसानों, मजदूरों और बेरोजगारों की मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इससे पूर्व सभा में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी गयी. इसके उपरांत राज्य अध्यक्ष काॅमरेड लाल बाबू महतो ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति को कॉर्पोरेट-परस्त और किसान विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि यह नीति न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त कर पूंजीपतियों को कृषि बाजार सौंपने की साजिश है. मौके पर जिला सचिव भारत मंडल, किसान नेता रविंद्र मंडल सहित अन्य मौजूद थे.
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