प्रतिनिधि, मुंगेर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संजीव मंडल ने बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि सरकार राज्य की उपराजधानी मुंगेर को घोषित करें. मुंगेर उपराजधानी बनने की सभी अहर्ता को पूरा करता है. यह औद्योगिक, पोराणिक, धार्मिक, पर्यटन, शिक्षा और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से संपन्न जिला है. बताया कि बारिश के कारण राज्य की राजधानी पटना जलमग्न हो जाती है. बारिश में भी अधिकांश प्रशासनिक भवन में बारिश का पानी प्रवेश कर गया है. जिससे विभागीय कार्यालय में कार्य बाधित और विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. दो दशक पहले उपराजधानी का दर्जा रांची को मिला था. उसी तर्ज पर मुंगेर को बिहार की उपराजधानी बनाने की जरूरत है. मीरकासिम के शासन काल में भी मुंगेर पूरे बिहार, बंगाल उड़ीसा, नए राज्य झारखंड की राजधानी थी. मुंगेर का किला क्षेत्र तीन ओर से किला एवं गंगा से घिरा हुआ काफी सुरक्षित और ऊंचा स्थान है. बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह भी मुंगेर जिले से जीत कर गये थे. संयोग है कि वर्तमान एनडीए सरकार में भी दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा मुंगेर कमिश्नरी के है. जिस तरह से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मुंगेर के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. वैसे में मुंगेर को उपराजधानी का दर्जा दिलाना उनके लिए और मुंगेर वासियों के लिए गौरव की बात होगी. कहा कि मुंगेर में विश्व प्रसिद्ध योगाश्राम, खानकाह रहमानी, सीताचरण, सीताकुंड के अलावा कई रमणिक दर्शनीय स्थल हैं. मुंगेर में इंजीनियरिंग काॅलेज, वाणिकी काॅलेज का निर्माण हो चुका है और मुंगेर मेडिकल कॉलेज तीव्र गति से निर्माणाधीन हैं. पटना की तर्ज पर मुंगेर गंगा पथ का निर्माण को भी अधिकारिक स्वीकृति मिल गया है. यहां एशिया प्रसिद्ध रेल कारखाना, आईटीसी, बंदूक कारखाना, दूध फैक्टरी है, जिसके कारण औद्योगिक दृष्टकोण से मुंगेर समृद्ध है. मुंगेर जैसे ऐतिहासिक जिला के विकास के लिए उपराजधानी का दर्जा मिलना बहुत आवश्यक हो गया है.
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