प्रतिनिधि, बरियारपुर श्रीराम कथा सुनने से आंतरिक शांति, नैतिक स्पष्टता और धर्म पर आधारित जीवन की ओर हमारा मार्गदर्शन करता है. ये बातें नौ वर्षीय अंशिका देवी बाल ब्यास रविवार को खड़िया गांव में आयोजित रुद्र महायज्ञ में श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए कही. कथा सुनने के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. कथावाचिका ने कहा कि आध्यात्मिक कथाओं की दुनिया में कुछ कहानियां श्री राम कथा, श्री राम के जीवन और शिक्षाओं के समान गहन परिवर्तनकारी क्षमता रखती है. राम कथा में गहराई से गोता लगाने से ऐसी अंतर्दृष्टि मिलती है जो पारंपरिक कहानी कहने से परे है, जो श्रोताओं को आत्म-चिंतन, मानसिक शुद्धि और परम भक्ति का मार्ग प्रदान करती है. राम कथा का शाश्वत ज्ञान कवि संत तुलसीदास से जुड़ा है. जिन्होंने रामचरितमानस को ऐसे रूप में लिखा जो सभी के लिए सुलभ है. इसमें तुलसीदास जी ने विनम्रतापूर्वक श्रीराम कथा के सार को संबोधित किया है. जिसमें मन और आत्मा को ठीक करने की क्षमता पर जोर दिया है. राम कथा सिर्फ एक कहानी नहीं बल्कि आत्म-साक्षात्कार की यात्रा पर चल रहे लोगों के लिए एक जीवंत, मार्गदर्शक प्रकाश बन जाती है. यह कथा प्राचीन कथा नहीं है, बल्कि यह एक कथा गंगा है, जो पवित्र गंगा की तरह कहानियों की एक पवित्र नदी है. जिस तरह भौतिक गंगा शरीर को साफ करती है, उसी तरह श्री राम कथा मन को साफ करती है. यह हमारे सांसारिक कष्टों के लिए एक आध्यात्मिक उपाय है, जिसे भव रोग कहते हैं. महायज्ञ को सफल बनाने में मुखिया संजय कुमार सिंह, ऋषु राज, रीना कुमारी, पूजा रानी सहित ग्रामीण सहयोग कर रहे हैं. बॉक्स कलश शोभायात्रा के साथ 48 घंटे का रामधुन संकीर्तन प्रारंभ असरगंज : अष्टयाम सह संकीर्तन के अवसर पर कपूरनाथ कीर्तन मंडली द्वारा रविवार को गाजे-बजे के साथ कलश शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा में लगभग 500 महिलाओं एवं युवतियों ने सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान किया और कलश में गंगा जल को भरा. इसके बाद शोभायात्रा प्रारंभ हुई और महिलाएं पैदल चलकर जय श्री राम एवं कपूरानाथ महादेव का जयकारा लगाते हुए सुल्तानगंज बाजार का भ्रमण कर कमरांय करपुरनाथ महादेव मंदिर प्रांगण पहुंची. जहां मंदिर परिसर में कलश स्थापित कर 48 घंटे का रामधुन संकीर्तन का आयोजन किया गया. इसके उपरांत श्रद्धालुओं के बीच शरबत एवं प्रसाद का वितरण किया गया. मौके पर पंडित ओंकार मिश्रा, मुन्ना बाबा, भगवान मिश्र द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बाद संकीर्तन आरंभ किया गया. यजमान के रूप में जयप्रकाश शर्मा, कैलाश शर्मा एवं धतूरी शर्मा मौजूद थे. संकीर्तन को सफल बनाने में पप्पू सिंह, मुन्ना कुमार, राहुल कुमार, संजीत कुमार, उत्तम सिंह, रवि कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में कीर्तन मंडली के युवक शामिल थे.
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