संग्रामपुर विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला अब अपने अंतिम सप्ताह में प्रवेश कर चुका है. सावन महीने में प्रतिदिन लाखों कांवरिया सुल्तानगंज उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरकर बाबा बैद्यनाथ धाम तक 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा पूरी करते हैं. पैदल चल रहे कांवरियों की थकान मिटाने के लिए पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. सोमवार की संध्या अंतिम सोमवारी पर खैरा स्थित टेंट सिटी के समीप बने पंडाल में प्रयागराज से आई दीपशिखा लहरिया डांस ग्रुप ने भगवान भोलेनाथ की स्तुति प्रस्तुत कर कांवरियों का मनमोह लिया. बम लहराता चले… हर-हर महादेव की गूंज हो… और कश्मीर की कली तू है…, भोलेनाथ की अली तू है… जैसे भक्ति गीतों पर कलाकारों ने जब नृत्य किया तो पूरा पंडाल कांवरियों तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. कार्यक्रम में उपस्थित कांवरियों ने प्रशासन की इस पहल की सराहना की. कांवरियों ने कहा कि रोजाना शाम को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम से कांवरियों की थकान मिटाने में ‘मरहम’ का काम करती है. गीत-संगीत और नृत्य की प्रस्तुति के बीच कांवरियां खुद भी झूमने पर मजबूर हो गये. वहीं कुमरसार धर्मशाला के समीप बने दूसरे सांस्कृतिक पंडाल में भी श्रद्धालुओं ने भक्ति गीतों का आनंद उठाया. इस दौरान कांवरियों के बम-बम भोले के जयकारे से पूरा कांवरिया मार्ग झूम उठा. श्रावणी मेले के समापन की ओर बढ़ते ही इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने कांवरियों की यात्रा को और यादगार बना दिया है.
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