संयुक्त इंफ्रा के प्रतिनिधियों ने डिजाइन तैयार करने को लेकर किया सर्व
सोमवार को मुंगेर के भाजपा विधायक प्रणव कुमार के साथ टीम ने सीताकुंड का सर्वे किया. जहां टीम ने सीताकुंड के ऊंचाई, चौड़ाई तथा लंबाई का माप लिया. साथ ही सीताकुंड में पार्किंग स्थल, बैठने की व्यवस्था, पेयजल, आवागमन आदि से संबंधित जानकारी ली. विधायक ने बताया कि पर्यटन मंत्री द्वारा मुंगेर के सीताकुंड को रामायण सर्किट से जोड़ा है. वहीं इसे पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए 3.50 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दी है. उन्होंने बताया कि सीताकुंड का विकास मुंगेर के लिए वरदान साबित होगा. साथ ही इसके विकसित होने से रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी.
रामायण काल से जुड़ा है मुंगेर का सीताकुंड
सीताकुंड एक अत्यंत पौराणिक एवं धार्मिक स्थल है, जिसका संबंध सीधे रामायण काल से जुड़ा है. ऐसी मान्यता है कि त्रेतायुग में यह स्थल ऋषि-मुनियों की तपोभूमि हुआ करता था. लंका विजय के उपरांत भगवान श्रीराम अपनी धर्मपत्नी माता सीता एवं अपने भाइयों के साथ मुगदल ऋषि के दर्शन को लेकर इस स्थल पर आए थे. मुगदल ऋषि के आदेशानुसार यहीं पर माता सीता की सतीत्व की अग्नि परीक्षा संपन्न हुई थी. इस परीक्षा के दौरान माता सीता ने प्रज्वलित अग्नि में अपने ललाट का पसीना समर्पित किया, जिससे अग्नि रूपी जल की उत्पत्ति हुई. यह जल स्रोत आज भी गर्म जल के रूप में सीता कुंड में प्रवाहित होता है, जो इस स्थान की पौराणिकता और चमत्कारी स्वरूप को दर्शाता है.
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