संग्रामपुर. प्रखंड के रतनपुरा गांव में आयोजित नौ दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ के तीसरे दिन सोमवार को श्रीमद् भागवत कथा में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. अयोध्या से पधारी कथावाचिका वंदना किशोरी ने अपने ओजपूर्ण और भावनात्मक प्रवचन से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति करायी. प्रवचन करते हुए वंदना किशोरी ने कहा कि अहंकार व्यक्ति की बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है. इसलिए जीवन में विनम्रता का भाव आवश्यक है. उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का जीवंत वर्णन करते हुए बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती त्रस्त हो गयी, तब भगवान ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया. जैसे ही श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग कथा में आया, पूरा यज्ञ पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की… जैसे भजनों और जयकारों से गूंज उठा. श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाइयां दी और खिलौनों व मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ. मंच से कहा गया कि जब-जब धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं. वहीं अखंड रामधुन से संपूर्ण क्षेत्र में भक्ति की बयार बह रही है और यज्ञस्थल पर श्रद्धालु पहुंचकर देवी-देवताओं का दर्शन कर रहे हैं. जबकि वृंदावन से आई रासलीला मंडली द्वारा प्रतिदिन भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का सुंदर नाट्य नृत्य के माध्यम से पेश कर रही है. महायज्ञ के साथ लगे मेले में तारा माची, ब्रेक डांस, मीना बाजार और सेल्फी जोन लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मेला परिसर की विधि व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और पुलिस बल की तैनाती की गयी है.
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