बरियारपुर. वृंदावन से पधारे कथावाचक श्याम जी उपाध्याय ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की कथा सुनायी और कहा कि आज के समय में धनवान व्यक्ति वही है जो तन-मन-धन से सेवा करता है. वे बुधवार को फुलकिया कल्याणपुर के पावन तट पर बने नवनिर्मित श्री मंगला काली मंदिर के प्रतिस्थापन के मौके पर आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा में श्रद्धालुओं के सामने प्रवचन कर रहे थे. कथावाचक ने पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि पूतना राक्षसी ने बाल कृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी. श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पुतना का वध कर उसका कल्याण किया. माता यशोदा जब भगवान श्री कृष्ण को पूतना के वक्षस्थल से उठाकर लाती है और कृष्ण को पंचगव्य गाय के गोबर, गोमूत्र से उनको स्नान कराती हैं. सभी को गौ माता की सेवा, गायत्री का जाप और गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए. गाय की सेवा से 33 करोड़ देवी-देवताओं की सेवा हो जाती है. पृथ्वी ने गाय का रूप धारण कर श्रीकृष्ण को पुकारा, तब श्रीकृष्ण पृथ्वी पर आये. इसलिए वे मिट्टी में नहाते, खेलते और खाते हैं. ताकि पृथ्वी का उद्धार कर सकें. गोप बालकों ने जाकर यशोदा माता से शिकायत की कि मां तेरे लाला ने माटी खायी है. तो यशोदा माता हाथ में छड़ी लेकर दौड़ी आयीं और कृष्ण से कहती है कि अच्छा खोल मुख. श्रीकृष्ण ने मुख खुलते ही यशोदा ने देखा कि उनके मुख में चर-अचर संपूर्ण जगत विद्यमान है. आकाश, दिशाएं, पहाड़, द्वीप, समुद्रों सहित सारी पृथ्वी, वायु, वैद्युत, अग्नि, चन्द्रमा और तारों के साथ संपूर्ण ज्योतिर्मंडल आदि तत्व भी मूर्त दिखने लगे. कथावाचक ने कहा कि आजकल के युवा पीढ़ी अपने धर्म व भगवान को नहीं मानते हैं. लेकिन अपने धर्म को जानने के लिए गीता, भागवत, रामायण पढ़ो. इससे आने वाली पीढ़ी संस्कारित हो जायेगी.
संबंधित खबर
और खबरें