पूर्व के पीजीआरसी की बैठक में प्रजेंटेशन देने वाले 211 शोधार्थियों के रजिस्ट्रेशन को मिल चुकी है पीजीआरसी से स्वीकृति
परीक्षा विभाग द्वारा कुलपति को भेजे गये प्रस्ताव में कहा गया है कि शोध सारांश के अनुमोदन के लिए 11.04.2025 से 15.04.2025 और 07.05.2025 से 09.05.2025 के बीच शोधार्थियों के लिये पीजीआरसी की बैठक आयोजित की गयी थी. जिसमें शोधार्थियों द्वारा पीपीटी प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया था. वहीं पीजीआरसी बैठक में अनुशंसित पीपीटी को संशोधित करने/प्रतिनिधित्व करने/शोध पर्यवेक्षक को बदलने की आवश्यकता वाले शोध विद्वानों की सूची दी गयी है. ऐसे में कुलपति संबंधित उम्मीदवारों के लिए पीजीआरसी की टिप्पणियों के अनुपालन में संलग्न सूची में शोध विद्वानों के लिए डीन द्वारा विधिवत रूप से अग्रेषित करने का सुझाव दें, ताकि संबंधित उम्मीदवारों के लिए अगली पीजीआरसी बैठक जल्द से जल्द बुलाई जा सके. पीजीआरसी के निर्णय के अनुसार, पीजीआरसी में पीपीटी प्रस्तुति के दौरान अनुपस्थित रहने वाले अभ्यर्थियों को जून 2025 में निर्धारित पीजीआरसी की अगली बैठक से पहले प्रस्तुति के लिए उपस्थित होने का मौका दिया जायेगा. विदित हो कि पीएचडी 2023 के लिये विश्वविद्यालय के 20 विभागों में वर्तमान में कुल 297 शोधार्थी हैं. जिसमें पीजीआरसी की बैठक के दौरान 211 शोधार्थियों के प्रजेंटेशन को लेकर रजिस्ट्रेशन की स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि 86 ऐसे शोधार्थी हैं, जो पूर्व के पीजीआरसी की बैठक में अनुपस्थित रहे, अथवा उनके द्वारा अपने गाइड बदलने का अनुरोध किया गया है. वहीं इसमें कुछ शोधार्थी ऐसे भी हैं, जिसे दोबारा प्रजेंटेशन देना है. वहीं इन 86 शोधार्थियों में कॉमर्स के 9 शोधार्थी भी शामिल हैं.
कहते हैं परीक्षा नियंत्रक
परीक्षा नियंत्रक प्रो अमर कुमार ने बताया कि पीएचडी के रजिस्ट्रेशन तथा पीजीआरसी की बैठक से वंचित शोधार्थियों के लिये कुलपति से अनुमति मांगी गयी है. कुलपति के निर्देशानुसार ही इसे लेकर निर्णय लिया जायेगा. जिसके बाद इससे संबंधित सूचना जारी की जायेगी.
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