
किलकारी बिहार बाल भवन द्वारा आयोजित समर कैंप 2025 बच्चों के लिए रचनात्मकता, कल्पनाशीलता और कला का जीवंत मंच बनकर सामने आया. इसमें विज्ञान कथा लेखन, शास्त्रीय नृत्य, चित्रकला, संगीत, फोटोग्राफी और कंप्यूटर जैसी कार्यशालाओं में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.
बता दें कि, 13 से 15 जून को आयोजित विज्ञान कथा कार्यशाला में डॉ उपांशु मिश्र के मार्गदर्शन में बच्चों ने कल्पना और विज्ञान को कहानी में पिरोना सीखा. वहीं, उदय शंकर शैली और क्लासिकल मूवमेंट्स पर आधारित नृत्य कार्यशालाओं में बच्चों ने बुद्ध कथा को मंच पर प्रस्तुत करने के लिए अभ्यास किया. ‘डॉट मंडला’ चित्रकला, पारंपरिक असमिया गीत गायन, और सायनोटाइप व लाइट पेंटिंग जैसी फोटोग्राफी तकनीकों ने बच्चों को विविध कलाओं से जोड़ा. अभिषेक चौबे के नेतृत्व में हुई फोटोग्राफी कार्यशाला में बच्चों ने तकनीक और सौंदर्यबोध की समझ विकसित की.
संजय उपाध्याय के निर्देशन में रंग-संगीत कार्यशाला में बच्चों ने लोककथा ‘का खाऊं, का पीयूं…’ को रंगमंच पर जीवंत किया. कंप्यूटर कार्यशालाओं में साइबर सेफ्टी और हिंदी एमएस वर्ड का प्रशिक्षण बच्चों को डिजिटल युग के लिए तैयार कर रहा है. किलकारी समर कैंप अब एक साधारण शिविर नहीं, बल्कि नयी पीढ़ी को संवेदनशील, रचनात्मक और जागरूक नागरिक बनाने का सशक्त मंच बन चुका है. प्रतिदिन 1000 से अधिक बच्चों की भागीदारी इसका प्रमाण है.
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