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बिहार रियल एस्टेट अपीलीय ट्रिब्यूनल में कोरम संकट

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बिहार रियल एस्टेट अपीलीय ट्रिब्यूनल में कोरम संकट

अनुज शर्मा, पटना बिहार में रियल एस्टेट विवादों की सुनवाई करने वाला रियल एस्टेट अपीलीय ट्रिब्यूनल ठीक से काम नहीं कर पा रहा है. वजह? अब यहां प्रशासनिक और तकनीकी सदस्य का पद भी रिक्त हो चुका है, जिससे कोरम पूरा नहीं हो पा रहा है और ट्रिब्यूनल किसी भी अपील पर सुनवाई कर फैसला नहीं दे पा रहा है. ट्रिब्यूनल में बीते सितंबर 2023 से अध्यक्ष और न्यायिक सदस्य के पद खाली थे, लेकिन मई 2024 में हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त जज राजेंद्र कुमार मिश्र को अध्यक्ष और रिटायर्ड जिला जज बटेश्वर नाथ पांडे को न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया. इससे उम्मीद जगी थी कि लंबित मामलों की सुनवाई शुरू होगी, पर जैसे ही ये दो महत्वपूर्ण नियुक्तियां हुईं, प्रशासनिक और तकनीकी सदस्य सुनील कुमार सिंह का कार्यकाल समाप्त हो गया. अब एक बार फिर ट्रिब्यूनल क्रियाशील नहीं रह गया है. यानी न तो अपीलें सुनी जा सकती हैं, न ही पुराने मामलों पर कोई आदेश पारित हो सकता है. रेरा एक्ट 2016 के मुताबिक, ट्रिब्यूनल में न्यायिक और प्रशासनिक सदस्य की मौजूदगी आवश्यक है, तभी आदेश पारित किए जा सकते हैं. इससे पहले अप्रैल 2024 में भी ट्रिब्यूनल को एक मामले में आदेश पारित करने से पीछे हटना पड़ा था, क्योंकि कोरम पूरा नहीं था. सूत्रों के मुताबिक, अध्यक्ष राजेंद्र कुमार मिश्र इस संबंध में दो बार राज्य सरकार को पत्र लिख चुके हैं, ताकि रिक्त पद को जल्द भरा जा सके, मगर मामला अभी विभागीय स्तर पर ठहरा हुआ है. हाइकोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल रियल एस्टेट अपीलीय ट्रिब्यूनल में हजारों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले करीब 150 मामले बेंच पूरी नहीं होने के कारण फैसले का इंतजार कर रहे हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कुछ लोगों ने हाइकोर्ट में दो सिविल रिट याचिकाएं और एक जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिकाओं में कहा गया है कि ट्रिब्यूनल का निष्क्रिय रहना रेरा कानून की भावना के खिलाफ है और हजारों खरीदारों के अधिकारों का हनन है.

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