
संवाददाता,पटना फाउंडेशन फॉर आर्ट, कल्चर, एथिक्स एंड साइंस (फेसेस) की ओर से विश्व विरासत दिवस की पूर्व संध्या पर स्थानीय जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, आरकेपुरम, खगौल रोड में नाटक का मंचन किया गया. इस अवसर पर शिक्षाविद मधुकर झा (प्राचार्य, जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल) मुख्य अतिथि के रूप में थे. सुनिता भारती की ओर से लिखित और निर्देशित इन्फो ड्रामा ‘खंडहर बोल उठा’ का मंचन किया गया. इस नाटक में 427 इस्वी के आसपास कुमार गुप्त (प्रथम) की ओर से प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में पहले विहार की स्थापना, 1200 इस्वी के आसपास बख्तियार खिलजी द्वारा इसके विनाश, 1861-62 इस्वी में एलेग्जेंडर कनिंघम द्वारा इसके अवशेष की पुनः खोज और 1915-16 में डॉ. डी. बी. स्पूनर द्वारा अवशेषों के उत्खनन की घटना को प्रदर्शित किया गया है.
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना, विनाश और इसके अवशेषों के उत्खनन की कहानी को दर्शाता हुआ यह नाटक एक मनोरंजक-कक्षा की तरह है, जिसमें छात्र भारतीय संस्कृति की उन गौरवमयी जानकारियों को प्राप्त करते हैं, जो उन्हें अपने सिलेबस में नहीं मिलता है. ऐसे शैक्षणिक सांस्कृतिक कार्यक्रम से हमारे युवाओं में निश्चित रूप से आत्म-सम्मान की वृद्धि होती है, जो उनके स्वयं और भारत के विकास में संजीवनी की तरह कार्य करता है. कार्यक्रम का संयोजन जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल की शिक्षिका शालिनी और पुष्पम ने किया. इस अवसर पर नाटक से मिली जानकारी के आधार पर क्विज का भी आयोजन किया गया, जिसके विजेता रहे, उनमें कक्षा 10 के आरव शौर्य, श्वेतांगी किसलय, जय सिन्हा और अनुपम किसलय हैं. इन छात्रों को फेसेस पटना की ओर से यंग हेरिटेज लीडरशिप अवार्ड दिया गया.‘
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