प्रशासनिक चुप्पी से बढ़ रहा अतिक्रमणकारियों का मनोबल प्रशासन व जल संसाधन विभाग की निष्क्रियता से तटबंध की जमीन पर कब्जा जारी चार पहिया वाहनों का आवागमन बाधित, स्कूली बच्चों और आपात सेवाओं पर संकट राजेश डेनजील, नवहट्टा कोसी पूर्वी तटबंध पर अतिक्रमण अब भयावह रूप लेने लगा है. बटेरी चौक के निकट, कैदली पंचायत निवासी महेश साह ने तटबंध की जमीन पर ही दो मंजिला पक्की इमारत खड़ी कर दी है. यह निर्माण न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि तटबंध के ऊपर होने के कारण सुरक्षा और आवागमन दोनों के लिए बड़ा खतरा बन गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह तटबंध ग्रामीणों के दैनिक जीवन, स्कूली बच्चों के आवागमन, एंबुलेंस, ट्रैक्टर-ट्रॉली और अन्य जरूरी सेवाओं का एकमात्र मार्ग है. लेकिन तटबंध पर बने इस भवन के कारण सड़क इतनी संकरी हो गयी है कि अब चार पहिया वाहन आमने-सामने से नहीं गुजर सकते. सबसे गंभीर बात यह है कि यह अवैध निर्माण छुपकर नहीं, बल्कि खुलेआम हुआ और प्रशासन व जल संसाधन विभाग को इसकी जानकारी के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. न तो कोई नोटिस जारी हुआ, न ही अतिक्रमण हटाने की पहल. स्थानीय समाजसेवियों का आरोप है कि प्रशासन की यह चुप्पी या तो मिलीभगत है या गंभीर लापरवाही. यदि इसी तरह तटबंध की जमीन पर अतिक्रमण होते रहे और कार्रवाई नहीं हुई तो अन्य अतिक्रमणकारियों का मनोबल और बढ़ेगा. भविष्य में यह लापरवाही जानलेवा भी साबित हो सकती है. नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र में पहले से ही कई स्थानों पर तटबंध की जमीन पर मकान और दुकानें बन चुकी हैं. अब यदि इसी गति से दो मंजिला भवन तटबंध के ऊपर खड़े किए जाते रहे, तो कोसी जैसे संवेदनशील और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में तबाही को रोक पाना मुश्किल हो जायेगा. इस विषय में अंचलाधिकारी मोनी बहन ने बताया कि कोसी पूर्वी तटबंध पर इस तरह का निर्माण दुर्भाग्यपूर्ण है. जल संसाधन विभाग को रिपोर्ट भेजी जा रही है और शीघ्र ही नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. वहीं अंचल अमीन मृत्युंजय कुमार ने बताया कि तटबंध की चौड़ाई अलग-अलग स्थानों पर तीन सौ फीट से अधिक या कम है. लेकिन ऊपरी हिस्से में 25 से 40 फीट पर ही तटबंध निर्मित है. शेष जमीन पर अवैध कब्जा कर निर्माण हो चुका है. यदि यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में कोसी तटबंध केवल अतिक्रमण का शिकार नहीं होगा, बल्कि बाढ़ की मार से हजारों लोगों की जान-माल की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है.
संबंधित खबर
और खबरें