हटाने व लगाने की पड़ चुकी है आदत, बंगाली बाजार सब्जी मंडी में अतिक्रमण का खेल बदस्तूर जारी सहरसा .शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण एक गंभीर समस्या बन गयी है. जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने एवं लोगों द्वारा फिर से उसी जगह पर अतिक्रमण करने का खेल लगातार जारी है. अतिक्रमणकारी इसके बावजूद भी पुनः उसी जगह पर दूसरे दिन से अतिक्रमण का कार्य शुरू कर देते हैं. जो धीरे-धीरे पूर्ण आकार ले लेता है. जिससे शहरी क्षेत्र जाम की स्थिति से दो चार होता रहता है. यह अतिक्रमण का खेल पिछले कई वर्षों से बदस्तूर जारी है. अब अतिक्रमण की नौबत इतनी बढ गयी है कि कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमित जमीन पर भाड़ा लगाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है. यह हाल पूरे शहरी क्षेत्र में अब संक्रमित बीमारी की तरह फैल चुका है. शहरी क्षेत्र का ऐसा एक भी सड़क नहीं है जहां अतिक्रमण नहीं है. यहां तक की सड़क के किनारे बने नाले को भी अतिक्रमण कर कुछ ना कुछ व्यापार शुरू कर दिया गया है. नाले पर दुकानदारों द्वारा अपने बोर्ड लगा रखे हैं. जिससे सड़क इतनी संकीर्ण हो गयी है कि दो वाहन एक साथ गुजर नहीं सकते. रिफ्यूजी कॉलोनी से लेकर महावीर चौक, दहलान चौक, शंकर चौक, डीबी रोड, थाना चौक, वीर कुंवर सिंह चौक, गंगाजल चौक से पंचवटी चौक, पूरब बाजार से तिवारी टोला चौक पूरी तरह अतिक्रमण के चपेट में है. आए दिन जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण को हटा दिया जाता है. लेकिन दूसरे दिन फिर से दुकानें सज जाती हैं. यही हाल बंगाली बाजार सब्जी मंडी की बनी हुई है. यह सड़क सहरसा स्टेशन जाने के लिए मुख्य सड़क है. इस सड़क के दोनों किनारे बड़ी सब्जी मंडी सुबह से लेकर देर रात तक लगी रहती है. सब्जी विक्रेताओं द्वारा नाले की कौन कहे सड़क पर भी सब्जी की दुकान लगा दिया जाता है. जिससे सड़क इतनी संकीर्ण हो जाती है कि मोटरसाइकिल से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है. इतना ही नहीं कचहरी ढाला पर भी अतिक्रमणकारियों के कारण सड़क काफी संकीर्ण हो चुका है. जिला प्रशासन द्वारा यहां से भी अतिक्रमण हटाया गया था. लेकिन दूसरे दिन से ही अतिक्रमणकारी फिर से अपनी दुकान सजाने लगे एवं व्यापार फिर से शुरू कर दिया. अतिक्रमणकारियों के हैं हौसले बुलंद बार-बार अतिक्रमण उजाड़ने के बावजूद भी अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं. जिला प्रशासन द्वारा उन्हें उजाड़ना व अतिक्रमणकारियों द्वारा पुनः अतिक्रमण का कार्य शुरू करना अब खेल बन चुका है. एक बार जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाकर गयी नहीं की पीछे से पुनः अतिक्रमणकारी अपनी दुकानें सजाने लग जाते हैं. जिससे थोड़ी देर के लिए गहमा गहमी तो रहती है. लेकिन अतिक्रमणकारियों पर इसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है. पिछले दिनों डाॅ आइडी सिंह चौक एवं सुपर बाजार स्थित सब्जी मंडी को नगर परिषद द्वारा पूरी तरह अतिक्रमण हटा दिया गया. बड़े पैमाने पर अतिक्रमण को हटाया गया. अतिक्रमणकारी सड़कों पर आ गए. लेकिन दूसरे दिन से पुनः अतिक्रमण कार्य शुरू हो गया. अब हालात यह है कि पहले से अधिक जगह अतिक्रमण के चपेट में आ गया है. अब इस ओर जिला प्रशासन झांकने तक नहीं आती है. जिससे अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हो जाते हैं. सरकारी जमीन की घेराबंदी है जरूर जिला प्रशासन सरकारी जमीन से अतिक्रमण तो हटा देती है. लेकिन इसके हटाने के बाद पलट कर फिर से अतिक्रमण हटाए गए जमीन की देखभाल नहीं करती है. जिससे अतिक्रमणकारियों पर अतिक्रमण हटाने का असर नहीं पड़ता है. अतिक्रमण हटाकर जिला प्रशासन अपनी कहानी वहीं समाप्त कर देती है. जबकि अतिक्रमण हटाने के बाद उन जगहों की सुरक्षा एवं संरक्षण के कोई उपाय लगा दिए जाय तो पुनः अतिक्रमण नहीं हो सकेगा. जिला प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. जिसका लाभ अतिक्रमणकारियों द्वारा बार-बार लिया जाता है. जिला प्रशासन को चाहिए कि सरकारी जमीन चिन्हित करते हुए अतिक्रमण हटाकर उन जगहों पर कुछ ऐसा कर दें जिससे शहर का विकास हो एवं सड़क अतिक्रमण से मुक्त भी रहे. लेकिन इस ओर ना तो जिला प्रशासन का ध्यान जा रहा है ना ही स्थानीय नेताओं का. जिससे पूरा शहरी क्षेत्र धीरे-धीरे अतिक्रमण की चपेट में आ चुका है.
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