पर्यावरण सुरक्षा में नदियों की महत्वपूर्ण भूमिका – प्रो भारती

पर्यावरण सुरक्षा में नदियों की महत्वपूर्ण भूमिका - प्रो भारती

By Dipankar Shriwastaw | June 5, 2025 6:37 PM
an image

पर्यावरण संरक्षण में नदियों की भूमिका विषय पर संवाद गोष्ठी का आयोजन सहरसा. मत्स्यगंधा स्थित कलाग्राम में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बटोही द्वारा पौधरोपण तथा पर्यावरण संरक्षण में नदियों की भूमिका विषय पर संवाद गोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में असम से असीम नाथ, प्रयागराज उत्तर प्रदेश से राहुल यादव तथा नदी विशेषज्ञ डॉ ओम प्रकाश भारती ने विचार रखे. डॉ भारती ने कहा कि नदियां पर्यावरण सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जल पारिस्थितिकी तंत्र का आधार है. नदियां पीने के पानी, सिंचाई और उद्योगों के लिए जल प्रदान करती हैं. ये जैव-विविधता को बनाए रखती है. क्योंकि इनके किनारे विभिन्न प्रजातियों के पौधे, जीव-जंतु और सूक्ष्मजीव पनपते हैं. नदियां बाढ़ के दौरान उपजाऊ मिट्टी (गाद) को मैदानों में जमा करती है. जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ती है. नदियां स्थानीय जलवायु को संतुलित करती हैं व नमी प्रदान करती है. जो वर्षा चक्र को प्रभावित करती है और तापमान को नियंत्रित करती है. साथ ही अपशिष्ट को बहाकर ले जाती है और प्राकृतिक रूप से जल को शुद्ध करती है. बशर्ते प्रदूषण का स्तर उनकी वहन क्षमता से अधिक न हो, नदियां विभिन्न जलीय और स्थलीय प्रजातियों का आवास हैं. ये मछलियों, पक्षियों और अन्य जीवों के लिए प्रजनन और जीवन-चक्र का आधार हैं. नदियां जल चक्र को बनाए रखती है, जो भूमिगत जल को रिचार्ज करने और समुद्रों तक जल पहुंचाने में मदद करती है. नदियां न केवल पर्यावरण, बल्कि मानव सभ्यता, संस्कृति और अर्थव्यवस्था को भी समृद्ध करती है. जैसे मछली पालन, पर्यटन और जल परिवहन, नदियों का प्रदूषण, अत्यधिक दोहन और बांध निर्माण उनकी पर्यावरणीय भूमिका को खतरे में डालते हैं. नदियों की सुरक्षा के लिए प्रदूषण नियंत्रण, वनीकरण और टिकाऊ जल प्रबंधन आवश्यक है. नदियां पर्यावरण का अभिन्न अंग है और इनका संरक्षण समग्र पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता के लिए जरूरी है. इन्हीं चिंताओं के साथ नदी मित्र द्वारा बिहार की नदियों के सांस्कृतिक मान चित्रण का संकल्प लिया गया है. इसमें नदियों की जनगणना के साथ नदियों से जुड़े मिथक, कहानी, गीत तथा ऐतिहासिक विवरणों को एकत्र किया जायेगा. साथ ही नदियों किनारे बसे समुदायों, तीर्थस्थलों और सांस्कृतिक स्थल, पर्व, त्योहार तथा अनुष्ठानों का अध्ययन किया जा रहा है. कार्यक्रम का संचालन दीपक कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन बटोही के सचिव डॉ महेंद्र कुमार ने किया. मौक पर अविनाश कुमार, शोधार्थी आरती कुमारी, मनोज कुमार, श्रवण राय तथा अन्य मौजूद थे.

संबंधित खबर और खबरें

यहां सहरसा न्यूज़ (Saharsa News) , सहरसा हिंदी समाचार (Saharsa News in Hindi), ताज़ा सहरसा समाचार (Latest Saharsa Samachar), सहरसा पॉलिटिक्स न्यूज़ (Saharsa Politics News), सहरसा एजुकेशन न्यूज़ (Saharsa Education News), सहरसा मौसम न्यूज़ (Saharsa Weather News) और सहरसा क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version