मंदिर कुप्रबंधन पर उठ रहे सवाल, प्रशासनिक अनदेखी से नाराजगी

मुख्यालय स्थित अति प्राचीन सिद्ध शक्तिपीठ व लाखों की आबादी के आस्था का केंद्र श्री उग्रतारा मंदिर में कुप्रबंधन को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी का आलम बना है.

By Dipankar Shriwastaw | July 2, 2025 6:28 PM
feature

महिषी. मुख्यालय स्थित अति प्राचीन सिद्ध शक्तिपीठ व लाखों की आबादी के आस्था का केंद्र श्री उग्रतारा मंदिर में कुप्रबंधन को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी का आलम बना है. स्थानीय आध्यात्मिक महत्ता से प्रभावित हो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मंदिर विकास की नींव रखी गयी थी. डेढ़ दशक पूर्व भारतीय पुरातत्व द्वारा लगातार दो वर्षों तक विश्व धरोहर दिवस का आयोजन कराया गया था. इसी आयोजन में तत्कालीन बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने मंदिर क़ो न्यास के अधीन पंजीकृत किया. न्यास समिति व मंदिर पुजारियों में समन्वय के अभाव के कारण आज भी विकास को अपेक्षित आयाम नहीं मिल पाया. जिलाधिकारी क़ो पदेन स्थायी अध्यक्ष के रूप में चयनित किया गया. जिससे मंदिर प्रबंधन सुंदर तरीके के संचालित हो व विकास क़ो गति मिले. विडंबना ऐसी है कि आज तक किसी भी जिलाधिकारी ने इस पर अपना अभिरूचि नहीं बनाया व धीरे धीरे न्यास पर राजनीति हावी होता गया. इसके अतिरिक्त सुपौल जिला के बलुआ निवासी प्रमिल मिश्रा भी स्थायी रूप से उपाध्यक्ष पद पर एकाधिकार बनाए बैठे हैं. अगस्त 2023 में प्रमिल मिश्रा अपने राजनीतिक रसूख के बल पर अवैध रूप से न्यास समिति सदस्यों के फेरबदल कराने में कामयाब हुए. बिना आमसभा कराए पूर्व सचिव पीयूष रंजन को हटा केशव चौधरी को सचिव बनाया व प्रशासन के बल जबरन सचिव को पदभार दिलाया. तत्कालीन डीसीएलआर सौरभ कुमार की अगुवाई में सभी दान पेटी को तोड़ राशि की निकासी कर ली. प्रशासन की जबरदस्ती से क्षुब्ध तत्कालीन कोषाध्यक्ष माणिक चंद्र झा ने अपना इस्तीफा दे मुक्ति ली. ऐसी चर्चा है कि तब से लेकर आज तक न्यास के खाता में जमा निकासी नहीं हो रही व कोई आय व्यय का लेखा संधारण नहीं हो रहा. पूर्व सचिव पीयूष रंजन ने आरोप लगाते बताया कि दान दाता से वर्तमान सचिव द्वारा अपने मोबाइल पर रुपया वसूली कर बंदरबांट की जा रही. स्थानीय मुखिया द्वारा ग्राम सभा के निर्णय के आलोक में न्यास बोर्ड में सचिव सहित सदस्य पंडा पर आपराधिक मुकदमा होने की शिकायत पर भी प्रशासन संज्ञान नहीं ले रहा. सदस्य पंडा पर मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा हटाने पर भी प्रशासनिक दिलचस्पी नहीं लिया. उपाध्यक्ष का चरित्र प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हो पा रहा. इस बीच मंदिर विकास के लिए करोड़ों के आवंटन को भी स्वीकृति मिली है, लेकिन आयाम कितना मिल पाएगा वह तो समय बताएगा. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से नव गठित न्यास समिति के कार्यकाल के आय व्यय लेखा जोखा को सार्वजनिक किये जाने की मांग की है. इस मामले को लेकर स्थानीय मुखिया सोनी देवी ने आरोप लगाते बताया कि अवैध रूप से न्यास समिति का गठन प्रशासनिक मनमानी को दर्शाता है. जिलाधिकारी को मामले पर संज्ञान लेना आवश्यक है. जिससे मंदिर की विकास को गति मिल सके व दोषियों पर कार्रवाई हो.

संबंधित खबर और खबरें

यहां सहरसा न्यूज़ (Saharsa News) , सहरसा हिंदी समाचार (Saharsa News in Hindi), ताज़ा सहरसा समाचार (Latest Saharsa Samachar), सहरसा पॉलिटिक्स न्यूज़ (Saharsa Politics News), सहरसा एजुकेशन न्यूज़ (Saharsa Education News), सहरसा मौसम न्यूज़ (Saharsa Weather News) और सहरसा क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version