Video: ब्रज की तरह फेमस है बिहार के बनगांव की होली, 18वीं सदी के संत ने शुरू की थी अनोखी परंपरा

Holi 2025: बिहार के सहरसा जिले के बनगांव की होली ब्रज की होली की तरह ही फेमस है. मिथिला के भाईचारे का इसे मिशाल बताया जाता है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | March 13, 2025 2:28 PM
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Holi 2025: बिहार के सहरसा जिले में बनगांव की होली बेहद खास होती है. बुधवार को कला एवं संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा संयुक्त रुप से तीन दिवसीय बनगांव होली महोत्सव की शुरुआत हुई. बनगांव की होली को मिथिला के भाईचारे की संस्कृति का मिसाल कहा जाता है. बनगांव की होली ब्रज की होली की तरह ही प्रसिद्ध है. इसे राजकीय दर्जा दिया गया है.

बनगांव महोत्सव की शुरुआत

बनगांव में होली महोत्सव के उद्घाटन पर पहुंचे स्थानीय विधायक डॉ. आलोक रंजन ने कहा कि बनगांव की होली ब्रज की होली के तरह प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि यहां की होली आपसी भाईचारा और सर्वधर्म सद्भाव का उदाहरण है. जिसके कारण इसे राजकीय दर्जा मिला है.

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डीएम ने बनगांव महोत्सव के बारे में कहा…

कार्यक्रम के दौरान सहरसा के डीएम वैभव चौधरी ने कहा कि महोत्सव का मुख्य उद्देश्य अपने संस्कृति को संरक्षित करके आने वाली नयी पीढ़ियों को अपनी संस्कृति के बारे में बताना है. जिससे कालांतर में भी अपनी संस्कृति सुरक्षित रह सके.

बनगांव होली बन गया देश में भाईचारे का प्रतीक

बनगांव की होली के बारे में बताया जाता है कि 18वीं सदी में परमहंस संत लक्ष्मीनाथ गोस्वामी के द्वारा बनगांव में कृष्ण जन्माष्टमी और होली पर्व को एक आदर्श के रूप में मनाया जाता है. जिसके कारण मिथिला सहित देशभर में यह पर्व सामाजिक भाईचारे के रूप में फेमस हो गया. बनगांव में रह रहे सभी धर्मों एवं वर्गों के लोगों के द्वारा परमहंस संत लक्ष्मीनाथ गोस्वामी के आदर्शो का पालन किया जाता है और एक दूसरे के दरवाजे पर एक झुंड बनाकर सभी जाते हैं और होली मनाते हैं. जिसे घुमौर होली के रूप मे देखा जाता है.

दूर-दराज से आते हैं लोग, बनगांव की होली को राजकीय दर्जा मिला

अपनी इसी प्रसिद्धि के कारण ही हर साल बनगांव होली मनाने और देखने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश विदेशों के भी की राजनेता और प्रसिद्ध लोग आते रहते हैं. बनगांव होली की महत्ता को देखकर ही तत्कालीन कला एवं संस्कृति विभाग के मंत्री डॉ. आलोक रंजन ने बनगांव की होली को राजकीय दर्जा दिलवाया था और बनगांव होली महोत्सव की शुरुआत की गयी थी.

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