सोनवर्षाराज. प्रखंड मुख्यालय स्थित अवर निबंधन कार्यालय के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठने लगा है. इन दिनों दो वीडियो तेजी से वायरल होता जा रहा है. जिसमें कार्यालय के प्रधान लिपिक द्वारा एक व्यक्ति से कार्यालय के बाहर रुपये लेते दिखाया गया है. वहीं दूसरे वीडियो में पैसा देने वाला मोहरिल का पुत्र यह बताता नजर आ रहा है कि कार्यालय के प्रधान लिपिक को जमीन की रजिस्ट्री से पूर्व धरातलीय जांच के लिए 25 सौ से 3 हजार रुपये का नजराना देना होता है. वही रुपया दिया गया था. हालांकि प्रभात खबर उक्त वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. वायरल वीडियो में निबंधन कार्यालय के लिपिक एजाज अहमद कार्यालय से निकलकर अंचल अभिलेखागार के बरामदे पर बैठे एक मोहरिल कार्तिक यादव के पास जाता है. जहां मोहरिल का साला गुड्डू यादव उन्हें गिनकर रुपये देता है. जिसे लिपिक अपनी जेब में रख लेता है. वहीं दूसरे वीडियो में मोहरिल कार्तिक यादव का पुत्र आयुष कुमार उर्फ दिलखुश से एक व्यक्ति पूछ रहा है कि उसने प्रधान लिपिक को किस बात के लिए रुपये दिलवाया था. इस पर मोहरिल पुत्र ने कहा कि प्रत्येक रजिस्ट्री से पूर्व जांच के लिए प्रधान लिपिक को ढा़ई से तीन हजार रुपये नजराना के रूप में देना पड़ता है. नजराना की राशि नहीं देने पर जांच कर्मी ससमय जांच के लिए नहीं जाते हैं और जिससे रजिस्ट्री की प्रक्रिया लंबे समय तक लटकी रहती है. मालूम हो कि रजिस्ट्री से पूर्व रैयत से निबंधन की निर्धारित राशि चालान के माध्यम से सरकारी खाते में जमा करवायी जाती है. जिसमें रजिस्ट्री पूर्व जांच सहित अन्य शुल्क भी शामिल रहता है. इस बाबत अवर निबंधक सीमा कुमारी ने कहा कि ऐसा साजिशन किया गया है. वायरल वीडियो का कोई आधार नहीं है.
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