गोताखोरों की मदद से तलाश जारी
घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग वहां पहुंच गए और खुद से खोज शुरू कर दी. काफी खोजबीन के बाद जब कुछ पता नहीं चला, तो उन लोगों ने प्रशासन को इसकी खबर दी. इसके बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और नदी में गोताखोरों की मदद से भुल्ला की तलाशी शुरू की गई.
10 वर्ष की आयु से बचा रहा था डूबते लोगों को
बता दें कि झाल मुढ़ी बेचने वाला भुल्ला साहनी बचपन से ही नेत्रहीन था इसके वावजूद वह 27 लोगों की जान बचा चुका था. भुल्ला कभी भी किसी को डूबता देख चुप नहीं बैठता था, चाहे दिन हो या रात वह तुरंत पानी में कूद जाता था. गौतरलब है की किसी भी नेत्रहीन के लिए यह कार्य नामुमकिन जैसा है मगर भुल्ला का कहना था की वह देख नहीं सकता मगर पानी में उसे दूर तक दिखाई देता था.
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5 महीने पहले मिला था वीरता पुरस्कार
अपनी वीरता के लिए नेत्रहीन भुल्ला को 5 महीने पहले ही पटना में पुलिस सप्ताह कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने वीरता पुरस्कार के साथ-साथ प्रसंशा पत्र देकर सम्मानित किया था. इसके अलावा 10,000 की राशी भी दी गयी थी. बता दें की अनुमंडल प्रशासन से भी उसे सम्मान प्राप्त था.
(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)
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