Samastipur : बच्चों को विभिन्न राज्यों व पर्वों को कहानियों के माध्यम से जानेंगे

बच्चों को पढ़ाई के दबाव से निकालने और उन्हें खेल-खेल में पढ़ाने का जो सपना नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए देखा गया था, अब वह आकार लेने लगा है.

By ABHAY KUMAR | July 17, 2025 6:04 PM
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समस्तीपुर . बच्चों को पढ़ाई के दबाव से निकालने और उन्हें खेल-खेल में पढ़ाने का जो सपना नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए देखा गया था, अब वह आकार लेने लगा है. अब एनसीईआरटी की पांचवीं कक्षा की हिंदी पुस्तक ‘ वीणा’ में बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), गगनयान, पैरालंपिक, गंगा नदी, पंचतंत्र, राजा विक्रमादित्य से लेकर राजा भोज तक की कहानियां पढ़ेंगे. एआई, गगनयान और इसरो पाठ से वे आधुनिक भारत से रूबरू होंगे. वहीं, 2,500 साल पुरानी पंचतंत्र, राजा विक्रमादित्य व राजा भोज की कहानियों से उनमें नैतिक शिक्षा, व्यावहारिक ज्ञान समेत संवेदनशीलता, बुद्धिमता, नैतिकता जैसे गुणों का विकास होगा. खास बात है कि खेल व देश प्रेम की भावना विकसित करने के लिए पैरालंपिक तैराक मुरलीकांत राजाराम पेटकर को जोड़ा गया है. वे 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में गोली लगने से लकवाग्रस्त हो गये थे. लेकिन कड़ी मेहनत से 1972 के पैरालंपिक खेलों में देश को तैराकी में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था. इसी सत्र यानी शैक्षणिक सत्र 2025-26 में सीबीएसई समेत विभिन्न प्रदेश शिक्षा बोर्ड के पांचवीं कक्षा में एनसीईआरटी की इसी हिंदी की नई पाठयपुस्तक ‘वीणा” से पढ़ाई होगी. एनसीईआरटी के विशेषज्ञों की टीम ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत कक्षा पांचवीं के बच्चों में खेल और गतिविधि-आधारित शिक्षण व भाषा पर जोर के आधार पर इसे तैयार किया है. गंगा की कहानी पाठ में हिमालय, उत्तरकाशी, गंगोत्री, हिमनद से गंगा के उद्गम स्थल के बारे में बताया गया है. इसमें भागीरथी नदी, देव प्रयाग में अलगनंदा, ऋषिकेष, हरिद्वार (12 साल बाद कुंभ) के बारे में लिखा है. लोग मुझे पवित्र नदी मानते हैं, लेकिन गंगोत्री में मेरा रंग चांदी जैसा तो काशी पहुंचने तक कारखानों व नगरों के प्रदूषण से मैं गंगा मटमैली हो जाती है. इसमें गंगा के उद्गम स्थल उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल से लेकर बंगाल की खाड़ी तक गंगा की यात्रा व दिक्कतों को बताया गया है. इसमें धार्मिक भावना, पर्यावरण बचाने की सीख, खेती के लिए पानी की जरूरत का संदेश दिया गया है. पांचवीं कक्षा की इसी पुस्तक में पहली बार बच्चों को विभिन्न राज्यों, पर्वों को कहानियों के माध्यम से जानने का मौका मिलेगा. इसमें गाय के दूध की जरूरत से हरियाणा, भारत की एकमात्र ताजे पानी की लोक तक झील के माध्यम से मणिपुर, ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर बसे कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान पाठ में असम, न्याय की कुर्सी पाठ में राजा विक्रमादित्य, प्राचीन व ऐतिहासिक नगरी उज्जैन को जानने का मौका मिलेगा. अरुणाचल प्रदेश में बुद्धपूर्णिमा पर मनाए जाने वाले पर्व साडकेन को भी पाठ में शामिल किया गया है. भारतीय संस्कृति, इंजीनियरिंग और कला की 2000 वर्ष पूर्व बनी अजंता और एलोरा की गुफाओं को शामिल किया गया है. इसमे पहाड़ों को काटकर बनाए गए करीब 30 मंदिर, सुंदर मूर्तियां, विशाल शिलाओं, चित्रकारी दर्शाई गई है. टेक्नो मिशन स्कूल के प्राचार्य एके लाल ने बताया कि एनसीईआरटी ने सत्र 2025-26 से क्लास 5 और 8 के लिए नई किताबें लॉन्च की हैं. ये नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 और स्कूली शिक्षा के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2023 पर बेस्ड हैं. एनसीईआरटी की नई किताबें बच्चों में क्रिएटिविटी, जिज्ञासा और कॉन्सेप्ट क्लैरिटी को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई हैं.कक्षा 5 के लिए ‘संतुर’ (अंग्रेजी) और ‘वीणा’ (हिंदी) लॉन्च की गई हैं. छोटे बच्चे इन किताबों से रोचक तरीके में भाषा सीख सकेंगे. इन किताबों में एक्टिविटी-बेस्ड टीचिंग पर फोकस किया गया है ताकि बच्चे खेल-खेल में नया सीख सकें.

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